यू-ट्यूब लाइव के माध्यम से किया गया किसानों की समस्या का समाधान

4.6
(14)

26 जुलाई 2019: किसानो को खेती में तकनीक के उपयोग एवं खेती सम्बंधित समस्याओ के समाधान में विश्वशनीय सूचना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रिलायंस फाउंडेशन और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के साझा कार्यक्रम के अंतर्गत बाढ़ की स्थिति में पशुओ का प्रबंधन विषय पर यू-ट्यूब लाइव फ़ोन-इन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से विशेषज्ञ के तौर पर प्रसार शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. पंकज कुमार और डॉ. सरोज कुमार मौजूद थे,  उन्होंने बिहार के विभिन्न जिलो के पशुपालक और किसानों के सवालो का जवाब दिया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पशुचिकित्सा आधारित प्रश्न पूछे गये जिनमे डेयरी प्रबंधक़, मुर्गीपालक, बकरी पालक और किसानों ने अपनी–अपनी समस्याओ को रखा। यू-ट्यूब लाइव फ़ोन-इन कार्यक्रम के तहत कुल दो सौ पचास उपयोक्ता इस कार्यक्रम से जुड़े जबकि तीस पशुपालक किसानों ने अपने–अपने पशुओ में होने वाली बीमारियों एवं इनके उचित प्रबंधन सम्बंधित प्रश्न पूछे। कार्यक्रम के अंत में विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यू-ट्यूब लाइव फ़ोन कार्यक्रम लोगो तक आवश्यक जानकारी पहचानें का यह एक बेहतरीन माध्यम है। आने वाले दिनों में भी कृषि और इनसे जुड़े क्षेत्रों के समाधान के उचित परामर्श हेतु निरंतर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

और देखें :  पशु पालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में शुरु की जा रही योजनाओं से बिहार के लोगों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा

किसान एवं पशुपालक रिलायंस फाउंडेशन के इन कार्यक्रमों से सम्बंधित जानकारी टोल-फ्री नंबर 1800-419-8800 पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते है। इस कार्यक्रम में रिलायंस फाउंडेशन और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी मौजूद थे।

और देखें :  ई-समाधान द्वारा होगा मत्स्य किसानों की समस्याओं का समाधान- श्री मुकेश सहनी

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.6 ⭐ (14 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

और देखें :  कृषि में प्राकृतिक और आधुनिक तकनीक का समन्वय जरूरी: डॉ. रामेशवर

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*