समाचार

डॉ. कैलाश उनियाल, अध्यक्ष उत्तराखंड पशु चिकित्सा परिषद् ने आज भारत सरकार में राज्य मंत्री श्री एस.पी. बघेल और VCI के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा के साथ की मुलाकात

पशुपालन समाचार

डॉ. कैलाश उनियाल, अध्यक्ष उत्तराखंड पशु चिकित्सा परिषद्, ने आज नई दिल्ली में भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री एस.पी. बघेल के साथ एक औपचारिक बैठक की। डॉ. कैलाश उनियाल ने नई दिल्ली में भारतीय पशु चिकित्‍सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा के साथ भी एक औपचारिक बैठक की। >>>

उत्तराखण्ड में सेल्फी विद पेट प्रतियोगिता के विजेताओं एवं प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया

पशुपालन समाचार

आज उत्तराखण्ड के पशुपालन निदेशालय मोथरोवाला के प्रांगण में आयोजित एक कार्यक्रम में  विभागीय मंत्री >>>

केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों के पशुओं में लम्पी रोग (एलएसडी) के बढ़ते मामलों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया

पशुपालन समाचार

मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों के पशुपालकों की चिंताओं को दूर करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। पशुओं की यह विनाशकारी बीमारी भैंस और अन्य पशुओं को अपना शिकार बनाती है। >>>

डेयरी पशुओं को किट-पतंगों और मच्छरों से बचाव के लिए तकनीक

पशुओं की बीमारियाँ

वर्षा ऋतु में कीटो पतंगों की संख्या बढ़ने से मनुष्यो और पशुओं को काफी परेशानी होती है। जिससे डेयरी पशुओं का दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है। मनुष्यो में अनेको प्रकार के रोग  होने की संभावना होती है। इनसे बचने के लिए अनेको प्रकार के रसायन उपयोग किये  जाते हैं परन्तु अब रसायनो का प्रभाव कम होने लगा हैं। क्योकि इनके प्रति मक्छर और  किट-पतंगे पहले से अधिक प्रतिरोधी हो चुके हैं। इसलिए इन्हें मरना या भागना कठिन हो रहा हैं। पशु-पालको और ग्रामीण इलाकों में इनसे और अधिक परेशानी होती हैं। >>>

पशुधन आधारित उद्यमों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण

पशुपालन

भारत एक कृषि आधारित देश है और 70% से अधिक किसान भूमिहीन और सीमांत हैं, जहां प्रति व्यक्ति भूमि-धारण मुश्किल से 0.2 हेक्टेयर है। हलाकि हमारे देश की कृषि प्रणाली मुख्य रूप से मिश्रित फसल-पशुधन कृषि प्रणाली है, जिसमें फसल उत्पादन के साथ पशुधन उत्पादन भी एक अभिन्न अंग है। >>>

स्वच्छ दूध का उत्पादन

डेरी पालन

खेती के पूरक व्यवसाय में दूध का व्यवसाय प्राचीनकालसेहि पारंपरिक चलता आ रहा महत्त्व का व्यवसाय हैं। दूध व्यवसाय के लिए मुख्य रूप से संकर गायों, देसी गायों , दुधारूं गायों और दुधारूं भैंसो को पाला जाता हैं। दुधारूं पशु पालना एक अच्छी बात है परन्तु स्वच्छ दूध का उत्पादन बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। दूध उत्तम किस्म के प्रोटीन तथा कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है वही अस्वच्छ दूध कई बीमारियोंका वाहक भी होता है। >>>

पशुओं में विटामिन A का महत्व

पशुपोषण

कई क्रियाओं के संचालन के लिये विटामिन ‘A’ बहुत जरूरी है। इसकी कमी होने पर अंधापन, चमड़ी सूख कर सख्त हो जाती है। खुरचन उतरती रहती है प्रजनन क्षमता में कमी तथा नवजात बछड़ों में जन्मजात विकृतियां पैदा हो जाती है। >>>

पशुओं में सर्रा रोग एवं इसके रोकथाम

पशुओं की बीमारियाँ

सर्रा पालतू एवं जंगली पशुओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख रोगो में से एक है। यह रोग पूरे विश्व में फैला हुआ है। भारत में इस रोग का प्रकोप सभी राज्यों में है, जिसके कारण पशुओं की उत्पादक क्षमता में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से अत्याधिक कमी हो जाती है जिसके फलस्वरूप हमारे देशकी पषुधन अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है। >>>

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पशुपालन समाचार

डॉ. कैलाश उनियाल, अध्यक्ष उत्तराखंड पशु चिकित्सा परिषद् ने आज भारत सरकार में राज्य मंत्री श्री एस.पी. बघेल और VCI के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा के साथ की मुलाकात

डॉ. कैलाश उनियाल, अध्यक्ष उत्तराखंड पशु चिकित्सा परिषद्, ने आज नई दिल्ली में भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री एस.पी. बघेल के साथ एक औपचारिक बैठक की। डॉ. कैलाश उनियाल ने नई दिल्ली में भारतीय पशु चिकित्‍सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा के साथ भी एक औपचारिक बैठक की। >>>

भेड़ बकरी पालन

उत्तर प्रदेश के विंध्यांचल क्षेत्र में पाली जाने वाली सोनपरी बकरी के लक्षण

पशुपालन देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका कृषि जीडीपी में 27-32% योगदान है। पशुपालन के माध्यम से गरीबी उन्मूलन, पोषण सुरक्षा, ग्रामीण रोजगार, महिला सशक्तिकरण आदि मुद्दों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। >>>

पशुपालन समाचार

उत्तराखण्ड में सेल्फी विद पेट प्रतियोगिता के विजेताओं एवं प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया

आज उत्तराखण्ड के पशुपालन निदेशालय मोथरोवाला के प्रांगण में आयोजित एक कार्यक्रम में  विभागीय मंत्री >>>

पशुपालन

ग्रीष्म ऋतु में दुधारू पशुओं की देखभाल

भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु अधिक लम्बे समय तक रहती है तथा तापमान 45 से 47 ℃ तक पहुँच जाता है जिसके कारण पशु तनाव की स्थिति में रहते हैं। >>>

पशुपालन समाचार

केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों के पशुओं में लम्पी रोग (एलएसडी) के बढ़ते मामलों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया

मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों के पशुपालकों की चिंताओं को दूर करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। पशुओं की यह विनाशकारी बीमारी भैंस और अन्य पशुओं को अपना शिकार बनाती है। >>>

कुक्कुट पालन

बटेर पालन: एक लाभकारी व्यवसाय

बटेर पालन का व्यवसाय मुर्गी पालन से काफी मिलता जुलता है। लेकिन मुर्गी पालन की तुलना में कम खर्च, कम मेहनत और ज्यादा मुनाफा देने वाला होता है। बटेर का मांस और अंडा दोनों ही सेहत के द्रष्टि से अत्यंत लाभकारी है। इन गुणों के अलावा बटेर के मांस की बाज़ार में मांग उसके स्वाद के कारण है। >>>

पशुपालन समाचार

आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में विश्व पशु चिकित्सा दिवस- 2023 का आयोजन किया

आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के सहयोग से पशुपालन और डेयरी विभाग ने आज (29 अप्रैल, 2023) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में विश्व पशु चिकित्सा दिवस-2023 का आयोजन किया। पशु और मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी में पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करने और उसे स्वीकारने पर आधारित था। >>>

पशुपालन समाचार

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में मनाया गया वर्ल्ड वेटरनरी डे

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय में वर्ल्ड वेटेरिनेरी डे मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-कृषि तकनीक एवं अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पटना (अटारी) के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार, कुलपति डॉ. रामेशवर सिंह, डीन डॉ. जे.के. प्रसाद, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. ए.के ठाकुर ने किया। कार्यक्रम के शुरुआत में डॉ. सह-संयोजक डॉ. बिपिन कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

एल.एस.डी. या गांठदार/ ढेलेदार त्वचा रोग/ लंपी स्किन डिजीज

भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में तकनीकी सलाहकार (राष्ट्रीय गोकुल मिशन) के पद पर कार्यरत डॉ. चंद्रशेखर गोदारा ने बताया कि लंपी स्किन बीमारी या ढेलेदार त्वचा रोग एक वायरल बीमारी है (एलएसडी) >>>

पशुओं की बीमारियाँ

दुधारू पशुओ मे ब्यांत के पश्चात होने वाली मुख्य बिमारी मिल्क फीवर (दुग्ध ज्वर)

दुग्ध ज्वर एक मेटाबोलिक (उपापचयी) रोग है जिसे अंग्रेजी में मिल्क फीवर रोग कहा जाता है, जो गाय या भैंस में ब्याहने से दो दिन पहले से लेकर तीन दिन बाद तक होता है। परन्तु कुछ पशुओं में यह रोग ब्याने के पश्चात 15 दिन तक भी हो सकता है। मिल्क फीवर पशु के शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण होता है। मिल्क फीवर ज्यादातर अधिक दूध देने वाली गाय या भैंस में होता है परन्तु यह रोग भेड़ बकरियों की दुधारू नस्लों में भी हो सकता है। >>>

पशुपालन

सर्दियों में ठंड से बचाव हेतु पशुओं की आवश्यक देखभाल

सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाव हेतु आवश्यक देखभाल के लिए समुचित उपाय अपनाया जाना आवश्यक है। पूर्ण उत्पादन प्राप्त करने के लिए सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाना अत्यावश्यक है। यदि पशु को ठंडी हवा >>>

Method of making various medicines for the treatment of animals and their use
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं के उपचार के लिए विभिन्न औषधियां बनाने की विधि तथा उनका उपयोग

औषधि वह पदार्थ है जिन की निश्चित मात्रा शरीर में निश्चित प्रकार का असर दिखाती है। इनका प्रयोजन पशुओं के उपचार में होता है। किसी भी पदार्थ को औषधि के रूप में >>>

पशुपालन

गाय एवं भैंस में ऋतु चक्र/ मदकाल के लक्षणों, की समुचित जानकारी द्वारा सफल गर्भाधान

डेरी व्यवसाय में सफल प्रजनन व्यवस्था का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। पशुशाला में उपस्थित वयस्क पशुओं में से अधिकाधिक संख्या  समयानुसार गर्भित होकर सामान्य एवं , स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है तभी दुग्ध उत्पादन का क्रम निरंतर चल सकता है तथा पशुपालक डेयरी व्यवसाय से नियमित आमदनी प्राप्त कर सकता है। >>>

By-pass protein and its application in dairy animals
पशुपोषण

बायपास प्रोटीन और डेयरी पशुओं में इसका अनुप्रयोग

बायपास प्रोटीन उच्च उपज देने वाले पशुओं की आवश्यकताओं को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन बेहतर परिणाम तब प्राप्त किए जा सकते हैं जब आहार प्रोटीन में डिग्रेडेबल प्रोटीन और बाईपास प्रोटीन >>>

कोविड-19 लॉक डाउन के दौरान पशुओं के सामान्य रोग एवं उनका प्राथमिकघरेलू उपचार
पशुओं की बीमारियाँ

कोविड-19 लॉक डाउन के दौरान पशुओं के सामान्य रोग एवं उनका प्राथमिक/घरेलू उपचार

कोविड-19 लॉक डाउन के दौरान कई बार पशुपालक अपने पशुओं के बीमार होने पर शीघ्र पशुचिकित्सक को बुलाकर इलाज़ नहीं करा पाते हैं, इससे पशुपालकों को नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। ऐसे समय में पशुपालक यदि कुछ >>>

पशुओं में होनें वाले रूमन अम्लीयता रोग एवं उससे बचाव
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले रूमन अम्लीयता रोग एवं उससे बचाव

रूमन अम्लीयता यह रोमन्थी पशुओं का वह रोग है जो कि उन पदार्थो के अधिक मात्रा में खाने से होता है जिसमें बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट सर्करा पाया जाता है। यह स्थिति मुख्यतः किसी किसी त्योहार या समारोह >>>

भेड़ बकरी पालन

उत्तर प्रदेश के विंध्यांचल क्षेत्र में पाली जाने वाली सोनपरी बकरी के लक्षण

पशुपालन देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका कृषि जीडीपी में 27-32% योगदान है। पशुपालन के माध्यम से गरीबी उन्मूलन, पोषण सुरक्षा, ग्रामीण रोजगार, महिला सशक्तिकरण आदि मुद्दों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

बकरी की बीमारी- पी.पी.आर. महामारी

भारत वर्ष में बकरी पालन खासकर गरीब तथा सीमान्त पशुपालकों के लिए जीविका के प्रमुख साधन है। इसे लोग ए.टी.एम. की तरह उपयोग करते हैं, अर्थात जब भी किसान बन्धु को पैसे की जरूरत पड़ती है उसे उसी समय बेचकर पैसे प्राप्त कर लेते हैं। किसानों को बकरी बेचने के लिए कोई बाजार की आवश्यकता नहीं होती है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

रोमन्थी पशुओं में कृमिजनित बीमारियाँ

ज्यादातर जठरआंत परजीवी एक पशु से दूसरे पशु में गोबर में आने वाले अण्डों द्वारा फैलते हैं। बारिश के बाद ये अण्डे काफी ज्यादा बड़े एरिया में फैल जाते हैं तथा घास द्वारा अन्य पशुओं में फैलते हैं। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं को पेट के कीड़े की दवा देना इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

पशुओं में पेट के कीड़े एक बड़ी समस्या है। पशुओं में परजीवी संक्रमण से पशुपालक को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में दस्त अर्थात डायरिया के कारण लक्षण एवं प्राथमिक उपचार

पशु के बार-बार पतला पानी जैसा पिचकारीवत गोबर का आना दस्तों के लक्षण हैं। त्रुटिपूर्ण आहार, फफूंद लगे आहार तथा अचानक आहार में परिवर्तन व भौतिक दशा तथा परिवेश में अंतर तथा परजीवी, जीवाणु और विषाणु से >>>

डेरी पालन

हरियाणा का काला सोना : मुर्राह भैंस

मुर्राह नस्ल विश्व की सबसे अधिक दुग्धोत्पादन करने वाली भैंस है जिसको हरियाणा राज्य का गौरव कहा जाता है। उच्च विक्रय दाम होने के कारण मुर्राह भैंस को हरियाणा का काला सोना कहते हैं। दिल्ली के आसपास होने के कारण इसे दिल्ली नस्ल भी कहते हैं। >>>

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