राष्ट्रपति ने ग्रामीण भारत और कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से दो अध्‍यादेशों को जारी किया

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आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए भारत सरकार द्वारा ऐतिहासिक फैसलों की घोषणा के बाद, भारत के राष्ट्रपति ने कृषि और सहायक कार्यों में लगे किसानों के लिए ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से निम्नलिखित अध्यादेशों को जारी कर दिया है।

  1. कृषि उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सुविधाअध्‍यादेश 2020
  2. मूल्‍य आश्‍वासन पर किसान समझौता (अधिकार प्रदान करना और सुरक्षाऔर कृषि सेवा अध्‍यादेश 2020

केन्‍द्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि विपणन में दक्षता और प्रभावशीलता प्रदान करने के लिए व्यापक हस्तक्षेप कर रही है। कृषि उपज के विपणन के समग्र विकास को रोकने वाली अड़चनों को पहचानकर, सरकार ने राज्‍यों द्वारा अपनाए जाने के लिए मॉडल कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (एपीएलएम) कानून 2017 और मॉडल कृषि उत्पाद और पशुधन संविदा कानून, 2018 का मसौदा तैयार किया और उसे प्रचारित किया।

कोविड-19 संकट के दौरान जब कृषि और उससे संबद्ध गतिविधियों के पूरे पारिस्थितिकी प्रणाली की जांच की गई, तो इसमें इस बात की एक बार फिर पुष्टि हुई कि केन्‍द्र सरकार की सुधार प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए और इसमें एक राष्‍ट्रीय कानूनी सुविधाजनक प्रणाली होनी चाहिए ताकि राज्‍य के भीतर और दो राज्‍यों के बीच कृषि उपज के व्‍यापार में सुधार हो सके। भारत सरकार ने इस बात को मान्‍यता दी कि किसान बेहतर मूल्‍य पर अपनी फसल को अपनी पसंद के स्थान पर अपने कृषि उत्पाद बेच सकता है जिससे संभावित खरीदारों की संख्‍या में बढ़ोतरी होगी। खेती के समझौतों के लिए एक सुविधाजनक ढांचा भी आवश्यक माना गया। अत: दो अध्यादेशों को जारी कर दिया गया।

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कृषि उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सुविधाअध्‍यादेश 2020” (अध्‍यादेश पर गजट अधिसूचना देखने के लिए क्लिक करें एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा जहां किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित पसंद की स्वतंत्रता का आनंद मिलता है जो प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापार प्रणाली के माध्यम से पारिश्रमिक मूल्‍यों की सुविधा देता है। यह विभिन्न राज्य कृषि उपज बाजार कानूनों के तहत अधिसूचित वास्‍तविक बाजार परिसरों या जिनको बाजार बनाया जाएगा उनके बाहर किसानों की उपज के कुशल, पारदर्शी और बाधा रहित अंतर-राज्य और राज्‍य के भीतर व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, अध्यादेश इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और जुड़े हुए मामलों या आकस्मिक उपचार के लिए एक सुविधाजनक ढांचा प्रदान करेगा।

मूल्‍य आश्‍वासन पर किसान समझौता (अधिकार प्रदान करना और सुरक्षाऔर कृषि सेवा अध्‍यादेश 2020” (अध्‍यादेश पर गजट अधिसूचना देखने के लिए क्लिक करें) कृषि समझौतों पर एक राष्ट्रीय ढांचा प्रदान करेगा जो कृषि-व्यवसाय फर्मों, प्रोसेसर, थोक व्यापारी, निर्यातकों या कृषि सेवाओं के लिए बड़े खुदरा विक्रेताओं और आपस में सहमत पारिश्रमिक मूल्य ढांचे पर भविष्य में कृषि उपज की बिक्री के लिए स्‍वतंत्र और पारदर्शी तरीके से और इसके अतिरिक्‍त एक उचित रूप से  संलग्न करने के लिए किसानों की रक्षा करता है और उन्हें अधिकार प्रदान करता है।

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उपरोक्त दो उपाय कृषि उपज में बाधा मुक्त व्यापार को सक्षम बनाएंगे, और किसानों को उनकी पसंद के प्रायोजकों के साथ जुड़ने के लिए भी सशक्त बनाएंगे। किसान की स्वतंत्रता, जो सर्वोपरि है, इस प्रकार प्रदान की गई है।

उपर्युक्त दो अध्यादेशों का विवरण कृषि विभाग, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट agricoop.nic.in पर उपलब्ध है।

कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अध्यादेशों की जानकारी दी और सुधारों के कार्यान्वयन में उनके सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने नए सुधार वाले वातावरण में कृषि क्षेत्र के विकास और वृद्धि में उनके निरंतर समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया।

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