अंतर-संस्थागत अनुसंधान सहयोग, कर्मचारियों और छात्रों के प्रशिक्षण, स्नातकोत्तर अनुसंधान, डॉक्टरेट अनुसंधान और अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना और गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। समारोह का आयोजन गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राँगन में हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. रामेश्वर सिंह, कुलपति,बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय उपस्थित थे। अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि यह एमओयू पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में आयुर्वेद के ज्ञान और प्रथाओं को स्थापित करने में बहुत सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने आगे कहा की हम आज भी पशुओं के विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेद की मदद लेकर औषधीय तैयार कर उपयोग में ला रहे हैं, लेकिन इस एमओयू के बाद इस दिशा में सूचना के आदान-प्रदान से पशुओं के उपचार में लाये जा रहे आयुर्वेदिक पद्धतियों के विकास में मदद मिलेगी।
गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने कहा की गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना में पशुओं के इलाज के लिए एक काउंटर शुरू कर सकता है, जिसमें बिना किसी लागत के पशुओं का ईलाज किया जाएगा। विश्वविधालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. रवींद्र कुमार ने कहा की आदिकाल से चले आ रहे आयुर्वेद पद्धति से इलाज का लाभ अब प्रदेश के किसानों को भी मिलेगा, ये एमओयू पशुओं के उपचार में नए शोध और अवसर का एक सशक्त माध्यम बनेगा। दोनों पक्षों के बीच हुए इस करार के तहत सहयोगी मोड में अनुसंधान परियोजनाएं तैयार की जा सकती हैं। विश्वविधालय के डीन स्नातकोत्तर शिक्षा-सह-निदेशक आवासीय निर्देश डॉ. वीर सिंह ने अपने संबोधन में महत्वपूर्ण दवा और उनके प्रतिरोधक क्षमता पर प्रकाश डाला, और साथ ही आयुर्वेद को एक बेहतर विकल्प के तौर पर उपयोग में लाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर बिहार पशु चिकित्सा महाविधालय के फार्माकोलॉजी और विष विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. निर्भय कुमार, डॉ.अर्चना, डॉ. अंजना, डॉ.रश्मि रेखा कुमारी, डॉ. रमेश कुमार निराला सहित आयुष मंत्रालय और आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि उपस्तिथ थे।
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