अप्रैल/ चैत्र माह में पशुपालन कार्यों का विवरण
जायद के हरे चारे की बुवाई करें एवं बरसीम चारा बीज उत्पाद हेतु ... Read more.
डेयरी पशुओं में गर्भ की शीघ्र पहचान का महत्व एवं उसकी विधियां
पशुओं में प्राकृतिक अथवा कृत्रिम गर्भाधान के पश्चात गर्भ की ... Read more.
पशुओं में पूयगर्भाशयता (पायोमेट्रा): कारण एवं निवारण
जब गर्भाशय में मवाद या म्यूकस मिली मवाद भर जाती है तो ऐसी स्थि... Read more.
ममीभूत गर्भ (मरा व सूखा हुआ बच्चा) दुधारू पशुओं में गर्भावस्था की एक विषम समस्या
ममीफिकेशन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा गर्भाशय में बच्चा मर ... Read more.
डेयरी पशुओं में शुष्क काल प्रबंधन का महत्व
ब्यॉंत के 60 दिन पूर्व का समय शुष्क काल अत्यधिक महत्वपूर्ण होत... Read more.
पशुओं के ब्याने के समय और उसके तुरंत बाद की सावधानियां
पशुओं के अंतिम तीन महीने तथा प्रसव काल की अवधि जोखिम भरी होती ... Read more.
भारत में स्वदेशी गाय की महत्ता एवं उसका व्यवसायिक उपयोग
हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। पुराणों में धर्म को भी ... Read more.
पशुओं में गर्भपात के प्रमुख कारण एवं निवारण
पशुओं में गर्भपात की समस्या पशुपालकों की अर्थव्यवस्था पर बह... Read more.
गाय एवं भैंस में मसृणित गर्भ की पहचान एवं उपचार
गाय एवं भैंसों में अधिकांशत गर्भावस्था के 4 से 6 महीने के बाद ... Read more.
ब्याने के बाद दुधारू पशुओं में होने वाली मुख्य उत्पादक बीमारियां/ चपापचई रोग
बहुधा पशु ब्याने के वक्त बिल्कुल निरोग होता है एवं ब्याने की ... Read more.
अधिक उत्पादन हेतु पशुओं को आहार एवं जल/ पानी देने के नियम
सामान्यता एक वयस्क पशु को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15 से 20 कि... Read more.
पशुओं से मनुष्यों में होने वाले प्रमुख जूनोटिक रोग एवं उनसे बचाव
पशुओं से मनुष्यों में अथवा मनुष्यों से पशुओं में फैलने वाले ... Read more.
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खुरपका मुंहपका रोग नियंत्रण के क्रियान्वयन में कमियां एवं उनका निराकरण
खुरपका मुंहपका रोग अर्थात एफएमडी और संक्रामक गर्भपात अर्था... Read more.
बच्चा देने के बाद मादा पशु की देखभाल
जो मादा पशु पहली बार बच्चा दे रहा है अर्थात ओसर में पहली बार ब... Read more.
मार्च/ फाल्गुन माह में पशुपालन कार्यों का विवरण
मार्च/ फाल्गुन पशुशाला की सफाई व पुताई करें। नर पशुओं का बधिय... Read more.