पशुपालन समाचार

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में “मैत्री” के 90 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ

भारत सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत तथा उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् लखनऊ द्वारा वित्तपोषित ‘‘मल्टीपर्पज आर्टीफिशिअल इन्सेमिनेशन टेक्नीशियन इन रूरल इंडिया” (मैत्री) के 90 दिवसीय प्रशि >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में पूयगर्भाशयता (पायोमेट्रा): कारण एवं निवारण

जब गर्भाशय में मवाद या म्यूकस मिली मवाद भर जाती है तो ऐसी स्थिति को पूयगर्भाशयता अथवा पायोमेट्रा कहते हैं। ऐसी स्थिति में अंडाशय पर पीत काय/ कार्पस लुटियम बना रहता है तथा पशु गर्मी में नहीं आता है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

दुधारू पशुओ में जैव उत्तेजना एक प्रजनन क्षमता बढ़ाने का प्राकृतिक माध्यम

एक दुग्ध व्यवसाय की आर्थिक सफलता पशुओ के उत्पादक और प्रजनन प्रदर्शन से निर्धारित होती है। लैंगिक परिपक्कता, विलंबितयौन परिपक्वता, कम गर्भधारण दर >>>

पशुओं की बीमारियाँ

ममीभूत गर्भ (मरा व सूखा हुआ बच्चा) दुधारू पशुओं में गर्भावस्था की एक विषम समस्या

ममीफिकेशन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा गर्भाशय में बच्चा मर कर सूख जाता है तथा इसे ममीभूत गर्भ कहते हैं। ऐसा प्रायः गायों में अधिक होता है। इसमें बच्चा गर्भावस्था के पूरे समय तक जीवित नहीं रह पाता >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं के ब्याने के समय और उसके तुरंत बाद की सावधानियां

पशुओं के अंतिम तीन महीने तथा प्रसव काल की अवधि जोखिम भरी होती है, इसलिए पशुपालकों को पशुओं के ब्याने के समय और उसके तुरंत बाद की सावधानियों की जानकारी होना अति आवश्यक है ताकि संभावित जोखिमों को टाला >>>

पशुओं की बीमारियाँ

गाय एवं भैंस में मसृणित गर्भ की पहचान एवं उपचार

गाय एवं भैंसों में अधिकांशत गर्भावस्था के 4 से 6 महीने के बाद बच्चे की मृत्यु हो जाती है तथा जीवाणु या विषाणु का संक्रमण हो जाने से बच्चे का शरीर धीरे धीरे सड़ता या पचता रहता है इसे बच्चे का मेसीर >>>

पशुपालन

गर्भित पशुओं में ड्राई पीरियड (सूखी अवधि) करने की विधि एवं पशु का संवर्धन

पशुपालन को सफल बनाने एवं किसान को और अधिक लाभ पहुचाने में गर्भावस्था के आखिरी के दो महीने के दौरान पशु का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है। दुधारू पशुओं मे गर्भावस्था के आखिरी के दो महीने को ड्राई >>>

पशुपोषण

प्रोटीन, खनिज तत्वों और विटामिन का पशु प्रजनन पर प्रभाव

पशुओं की प्रजनन क्षमता उनके खान-पान पर निर्भर करती है। शुक्राणु का निर्माण, मद चक्र का उचित समय पर आना तथा स्वस्थ बच्चे का पैदा होना उचित आहार पर ही निर्भर करता है। अनुचित आहार से शरीर की क्रियाओं >>>

पशुपालन

दुधारू पशुओं के प्रजनन में अल्ट्रासोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) की उपयोगिता

हमारे देश की प्रभुता एवं सम्पन्नता में पशुपालन की अहम भूमिका हैं। सफल पशुपालन (डेरी व्यवसाय) का अभिप्राय अधिक से अधिक लाभ कमाना हैं, इसके लिए पशु की प्रजनन समस्याओं की समय पर सटीक जाँच एवं उपचार >>>

डेरी पालन

लाभदायक डेयरी व्यवसाय के लिए आवश्यक है ओसर मादा पशुओं का उचित प्रबंधन

मादा बाल पशु ही छोटे से बड़ी मादाएं बन कर एक दुधारू गाय/भैंस बनती हैं। जितनी ज्यादा संख्या में छोटे मादा पशुओं की अच्छी देखभाल होती है तो उतनी ही ज्यादा मादाओं की प्रतिस्थापना होगी। यदि बाल एवं ओसर >>>

पशुपालन

कृत्रिम गर्भाधान की असफलता के कारण एवं समाधान

कृत्रिम गर्भाधान गर्भधारण कराने की वह विधि है जिसके द्वारा परीक्षित सॉडों का वीर्य कृत्रिम योनि द्वारा इकट्ठा कर उनकी जांच कर व तनुकरण की सहायता से वीर्य का आयतन बढ़ाकर( शुक्राणुओं की संख्या को >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में बांझपन के कारण एवं निवारण

बांझ एक ऐसे मादा पशु को कहा जाता है जो बच्चा देने में असमर्थ हो। कोई भी मादा पशु जब परिपक्वता को प्राप्त करती है तो मादा के जनन अंगों से डिंब निकलने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। इसके दौरान मादा पशु >>>

पशुओं की बीमारियाँ

मादा पशुओं में प्रसव के पहले होने वाला गर्भपात रोग

पशुओं में गर्भावस्था के पूर्ण होने से पहले, जीवित अथवा मृत भ्रूण का मादा शरीर से बाहर निकलना गर्भपात कहलाता है। मादा पशुओ में गर्भपात के तीन प्रमुख कारण होते है- मादा पशुओं को गर्भावस्था के समय लग >>>

पशुपालन

मादा पशुओं में गर्भ निर्धारण की विधियां

मादा पशुओं में गर्भ निर्धारण का प्रमुख उद्देश्य गाभिन न हो ले पशुओं की जाँच करना तथा उनकों जल्दी से जल्दी सामान्य ऋतु चक्र में लाकर गर्भ धारण करना है। जिससे मादा पशुओं में दो बच्चों के बीच का अन्तर >>>