बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और भा.कृ.अ.प.-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) पटना के संयुक्त तत्वावधान में सतत विकास के लिए पशुपालन क्षेत्र में हो रहे तकनीकी बदलाव से सम्बंधित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार और झारखंड के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को पशुपालन और मत्स्य पालन में आये नए तकनीकों और प्रैक्टिस से वाकिफ कराया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को फील्ड में पशुपालन से जुड़ी हुई समस्याओं का निदान सरल और नए तकनीक के मदद से करने में सक्षम बनाया जायेगा, पशु चिकित्सा विज्ञान में उपयोग किए जाने वाले डायग्नोस्टिक उपकरणों के व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के अलावा प्रशिक्षुओं को तकनीक के सफल प्रसार के दृष्टिकोण से नवीन प्रसार तकनीक और पद्धतियों को अमल में लाने जैसी महत्वपूर्ण बातें बताई जाएँगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित निदेशक,अटारी, पटना डॉ. अंजनी कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा की वैज्ञानिकों को समय के अनुसार खुद को अपडेट करते रहने की जरूरत है, समय-समय पर तकनीक में हो रहे बदलाव को सीखने और उनके प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर जोर देते रहना चाहिए जिससे कम इनपुट में एक बड़ी आउटपुट हांसिल की जा सके। मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने कहा की स्थानीय स्तर पर पशुपालन और मत्स्य के क्षेत्र में शोध जरूरी है, ताकि अलग-अलग जगहों के शोध से हम नए निष्कर्ष और नयी खोज कर पाए साथ ही तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके। उन्होंने आगे कहा की सभी कृषि विज्ञान केन्द्रो के वैज्ञानिकों को शोध और नए तकनीकों को लेकर लोगों के बीच जाने में प्रयासरत रहना चाहिए जिससे पशुपालकों और किसानों को लाभ पहुंचे और उनकी आय दोगुनी हो।
प्रशिक्षण के पहले दिन बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के डॉ. पल्लव शेखर ने पशु औषधि विज्ञान में प्रगति पर अपना व्याख्यान दिया, डॉ. अनिल कुमार ने छोटे जानवरों के रोग और उनके प्रबंधन पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा किया और डॉ. पंकज कुमार ने कुक्कुट उत्पाद प्रबंधन विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया।
इस अवसर पर कुलसचिव कैप्टेन डॉ. ए.जी. बंद्योपाध्याय, निदेशक आवासीय निर्देश-सह-अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा प्रो.डॉ. वीर सिंह राठौड़, डीन पशुचिकित्सा महाविद्यालय डॉ. जे.के.प्रसाद, निदेशक अनुसंधान डॉ. रविंद्र कुमार, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. ए.के ठाकुर, निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमन कुमार त्रिवेदी, डॉ. अंकेश, केवीके जमुई के हेड-सह-वैज्ञानिक डॉ. सुधीर कुमार सिंह आदि मौजूद थे।
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