कृषि में प्राकृतिक और आधुनिक तकनीक का समन्वय जरूरी: डॉ. रामेशवर

4.9
(551)

कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है एवं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 70% लोगों की आजीविका कृषि पर निर्भर हैं। वर्तमान परिदृश्य में कृषि का सतत विकास एवं किसान समुदाय का उत्थान और समृद्धि इसका मुख्य आधार हैं। कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा प्रणाली को भारतीय प्राचीन पद्धतियों के साथ समन्वय कर आधुनिक प्रणाली का विकास करना जिससे कि सतत कृषि विकास को सुनिश्चित किया जा सके और पर्यावरण को भी संतुलित रखा जाए इसी उद्देश्य को लेकर विद्यार्थी कल्याण न्यास, भोपाल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली एवं कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में “प्राकृतिक कृषि-आधुनिक तकनीकीय समन्वय एवं समावेश” पर अखिल भारतीय सम्मेलन, भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार, एन.ए.एससी. कॉम्प्लेक्स, भा.कृ.अ.प, पूसा, नई-दिल्ली में आयोजित हो रहा हैं। एग्रीविज़न के इस छठे राष्ट्रीय सम्मेलन के विवरणिका का विमोचन आज बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में कुलपति डॉ. रामेशवर  सिंह, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास और विश्वविद्यालय के निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमन कुमार त्रिवेदी ने किया।

और देखें :  राज्य सरकार किसानों के हितों पर आंच नहीं आने देगी- मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल

इस अवसर पर कुलपति डॉ. रामेशवर सिंह ने कहा की प्राकृतिक कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़कर वैज्ञानिक तरीकों की मदद से उन्नत फसल और खुशहाल किसान के सपने को देश साकार करने में सफल होगा। कृषि के क्षेत्र में उतपादकता बढ़ने से निर्यात में इज़ाफ़ा होगा जिससे भारत के अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण होगा। अ.भा.वि.प. के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा कि देश में परम्परागत खेती को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है, मशीनीकरण और अत्यधिक रसायन के उपयोग से पैदावार में वृद्धि तो हो रही है परन्तु यह भविष्य के लिए हानि पहुँचाने वाला है, साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता और पर्यावरण के लिए भी घातक है।

और देखें :  डेयरी प्रबंधन और दूध से मूल्यवर्धन पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में इन्हीं विषयों पर चर्चा होगी और उन्नत कृषि करने के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर मंथन किया जायेगा। डॉ. रमन त्रिवेदी ने कहा की इस आयोजन से किसानों के आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। सम्मेलन में प्राकृतिक खेती, समेकित खेती, पशुधन प्रबंधन, पोस्ट हार्वेस्ट तकनीक इत्यादि विषयों पर मंथन होगा।  इस अवसर पर अ.भा.वि.प. के प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. सुग्रीव, बिहार प्रान्त संयोजक अमित कुमार, प्रदेश सह-संगठन मंत्री अमित उपाध्याय, विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ. रविंद्र कुमार, डीन बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय, डॉ. जे.के. प्रसाद, डॉ. दुष्यंत, छात्र नरेश कुमार, विवि के जनसम्पर्क पदाधिकारी सत्य कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

और देखें :  लॉकडाउन में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पशुओं के ईलाज हेतु तत्पर

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.9 ⭐ (551 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*