विश्व पर्यावरण दिवस के पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन

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बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के पूर्व संध्या पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनमें स्किट, कविता वाचन, भाषण जैसे प्रतियोगिता शामिल थे। विश्व पर्यावरण दिवस का इस वर्ष का थीम “सिर्फ एक धरती” है। बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय और संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्था के छात्र-छात्राओं द्वारा इस थीम पर स्वरचित कविताएं का वाचन किया गया, साथ ही छात्रों द्वारा लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए भाषण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा स्किट की प्रस्तुति दी गयी, नाटक के माध्यम से पर्यावरण को हानि पहुंचने वाले कारकों, मनुष्यों द्वारा पर्यावरण को कैसे नुकसान किया जा रहा है और हमारा भविष्य कैसे खतरे की ओर बढ़ रहा है इसका चित्रण किया।

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इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेशवर सिंह ने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का ह्रास और प्रदूषण को पर्यावरण के लिए खतरे का कारक बताया। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस आज से पचास साल पहले मनाने की शुरुआत की गई थी मगर आज भी हम इसकी चिंता कर रहे है मगर अब यह चिंता घटने की बजाय और बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि दुनियां के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास के बाद भी जीवन का आधार धरती के अलावा किसी भी अन्य ग्रह में नहीं पाया गया, इसलिए धरती सिर्फ एक है और इसके प्रति संवेदना अतिआवश्यक हैं। वेटरनरी और डेयरी के क्षेत्र से जुड़े हम सभी इस दिशा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम कर सकते है और ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट को रोकथाम के साथ मीथेन के उत्सर्जन को कम करने मे सहयोग करें।

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विश्वविद्यालय के निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमण कुमार त्रिवेदी ने कहा की पर्यावरण संबंधी व्यवहार लोगों को खुद में विकसित करना होगा। हमें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है साथ ही सभी को प्रयास करना होगा की वे पर्यावरण के प्रति संवेदना से सबको रूबरू करवाएं। समय एक्शन लेने का है ताकि हम भावी पीढ़ी को एक स्वच्छ और सुंदर धरती दे सके।

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक डॉ. मनोज कुमार ने किया। मौके पर निदेशक स्नातकोत्तर शिक्षा डॉ. वीर सिंह, कुलसचिव डॉ. (कैप्टेन) ए.जी. बंद्योपाध्याय, डीन बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय, डॉ. जे.के.प्रसाद, निदेशक अनुसन्धान डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. संजीव कुमार, जनसम्पर्क पदाधिकारी सत्य कुमार, सहित विश्वविद्यालय के तमाम शिक्षक व् छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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