उत्तराखण्ड के राकेश सिंह ने बनाया बैकयार्ड मुर्गीपालन को अतिरिक्त आमदनी का साधन

4.3
(413)

श्री राकेश सिंह, ग्राम नाल्ड, विकासखंड भटवाड़ी, उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड के निवासी हैं। इनकी शैक्षणिक योग्यता बी.ए. है। इनका मुख्य व्यवसाय कृषि है जिससे वे अपनी आजीविका चलाते हैं। इसके साथ साथ इनके द्वारा मुर्गीपालन भी किया जा रहा है वर्तमान में इनके पास 20’x 22’(440 sq. ft.) का एक छोटा फार्म है जिसमे ये मुर्गीपालन करते हैं।

वर्ष 2022 में इनके द्वारा सघन कुक्कुट विकास प्रायोजना, ज्ञानसू, पशुपालन विभाग उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड के माध्यम से 200 एक दिन के कुरोइलर पक्षियों के लिए मांग की गई। सघन कुक्कुट विकास प्रायोजना, ज्ञानसू द्वारा इनको मार्च 2022 में 200 एक दिन के कुरोइलर (Kuroiler) चूजे उपलब्ध करवाए गए। इनके द्वारा बहुत मेहनत से मुर्गीपालन किया गया। शुरुआत में अनुभव अधिक न होने एवं पहाड़ी क्षेत्रों में ठण्ड के कारण लगभग 15 मुर्गियों की मृत्यु हुई।

और देखें :  मुर्गी का अंडा एक संतुलित पौष्टिक आहार

इनके द्वारा नर पक्षियों को 2&2-5 kg तक पालने के बाद Rs 1000/ पक्षी की दर से बेचा गया एवं मादा पक्षी को 1.5-2 kg का भार प्राप्त करने पर Rs 700-800/ मादा पक्षी की दर से बेचा गया। इनके द्वारा सभी पक्षी अपने गांव के आसपास वाले ग्रामीण क्षेत्रों में ही बेचे गए।

श्री राकेश सिंह द्वारा बजार से खरीदा हुआ दाना मुर्गियों को खिलाया गया। दाने के एक बैग की कीमत Rs 1800/50 kg अथवा Rs 36/ kg है एवं कुल 22 बैग अथवा 1100 kg दाना मुर्गियों को खिलाया गया।

और देखें :  बर्ड फ्लू: पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक

वर्तमान में इनके पास 54 मुर्गियाँ शेष हैं जिससे इनको 40-45 अंडे प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं। इनके द्वारा अंडे @ Rs 12/अंडा की दर से अपने आसपास के गांव में बेचे जा रहे हैं एवं अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। श्री राकेश सिंह बताते हैं कि कुछ कुरोइलर पक्षियों से चूजे भी प्राप्त हुए जिन्हे पालकर एवं बेचकर उन्हें अतिरिक्त आमदनी हुई है।

श्री राकेश सिंह अपनी मुर्गियों के साथ

सघन कुक्कुट विकास प्रायोजना, ज्ञानसू, पशुपालन विभाग उत्तरकाशी के माध्यम से उपलब्ध करवाए गए 200 एक दिवसीय कुरोइलर चूजों को पालकर इन्हे सभी खर्चों को हटाकर लगभग 1.5 लाख रूपए कि आमदनी हुई जो कि एक सफलता कि मिसाल है एवं मुर्गीपालन पहाड़ों में रहने वाले लोगों के लिए आजीविका का एक बहुत अच्छा व्यवसाय है।

वर्तमान में श्री राकेश मुर्गीपालन से जुड़े हुए हैं एवं भविष्य में भी जुड़े रहना चाहते हैं जिसके लिए ये अपना मुर्गी बाड़ा बढ़ा बनाना चाहते हैं ताकि 200 से अधिक मुर्गियाँ पाली जा सकें।

और देखें :  कड़कनाथ मुर्गा यानि "काला मासी"

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.3 ⭐ (413 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

1 Comment

  1. Dr R K Sharma, Professor & Head, Department of Livestock Production Management Pantnagar, Uttarakhand says:

    Kuroilers are magic birds most suitable for backyard poultry developed by me while working with Kegg Farms, Gurgaon. They r very hardy, have attractive n very catchy plumage with excellent meat quality. They have become very popular in India n abroad.

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*