Murrah Breed of Buffalo (मुर्रा नस्ल)

4.9
(119)

मुर्रा भैंस भारत की सर्वोत्तम भैंसों में से एक है जिसका जन्म स्थान हरियाणा राज्य का रोहतक जिला है। यह भैंस भारत के हरियाणा राज्य के रोहतक, जींद, हिसार, झज्जर, फतेहाबाद, गुरुग्राम आदि जिलों एवं पंजाब राज्य में पायी जाती है। भारत के अलावा यह भैंस इटली, बल्गेरिया, मिस्र, फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड, चीन, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, वियतनाम, ब्राजील और श्रीलंका आदि में भी पाली जाती है।

मुर्रा भैंस को हरियाणा में “काला सोना (Black Gold)” भी कहा जाता है। अपनी दुग्ध उत्पादन क्षमता  के कारण यह नस्ल देश के लगभग सभी हिस्सों में फैल गई है और वर्तमान में इस नस्ल का या तो शुद्ध रूप में प्रजनन किया जा रहा है या स्थानीय भैंसों को सुधारने हेतु  क्रॉस ब्रीडिंग के लिए इस्तेमाल में  लिया जा रहा है।

और देखें :  गाय एवं भैंस में मसृणित गर्भ की पहचान एवं उपचार

मुर्रा नस्ल के पशु भारी-भरकम डील-डौल वाले होते हैं। गहरा काला रंग और लम्बी पूंछ मुर्रा भैंस की प्रमुख पहचान है। इनके सींग छोटे और अन्दर की ओर कसकर मुड़े होते हैं,  पूंछ लंबी पैरों तक, गर्दन और सिर पतला, भारी लेवा और थन लंबे होते हैं।त्वचा अन्य भैंसों की तुलना में नरम, कम बाल के साथ चिकनी होती है।

मुर्रा भैंस का औसत दुग्ध उत्पादन लगभग 2000 लीटर  होता है जो कि 320 दिनों तक दूध देती है। कुछ बहुत अच्छी मुर्रा 4000 लीटर से अधिक दूध भी देती हैं जो कि 350 दिनों तक दूध देती हैं। दूध में वसा की मात्रा 7 प्रतिशत होती है। औसत बच्चे देने का अंतराल लगभग 450 दिन का होता है।

और देखें :  दुधारू पशुओं में गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याएं एवं निदान

मुर्रा भैंस सभी भैंस नस्लों में सर्वाधिक दूध देने वाली नस्ल है।  मुर्रा भैंस भारत में किसी भी तरह की जलवायु परिस्थितियों को सहने में सक्षम होती हैं, इसलिए ये नस्ल भारत में अधिकतर राज्यों में पाली  जाती हैं।

मुर्रा
Photoraph by-Kleomarlo, Murrah buffalo, CC BY-SA 3.0

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.9 ⭐ (119 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

और देखें :  रोगाणुरोधी प्रतिरोध: थनैला एवं लेवटी के अन्य रोगों का घरेलु उपचार

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

1 Trackback / Pingback

  1. भैंस पालन के लिए पाँच मुख्य बातें

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*