30 नवम्बर 2018: झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट 2018 के सफल आयोजन के लिए पूरी टीम को बधाई दी। राज्य के किसान को भी बहुत-बहुत बधाई दी जिन की सहभागिता से एग्रीकल्चर ग्लोबल समिट सफलतापूर्वक संपन्न हुई। मुख्यमंत्री ने मीडिया की सभी प्रतिनिधियों को भी बधाई दी जो कि कार्यक्रम के कवरेज में निरंतर संलग्न हैं।
प्रधानमंत्री का 2022 में किसानों की आय को दोगुना करने का उद्देश्य है।उसको ध्यान में रखते हुए झारखंड के मेहनतकश किसान और सरकार मिलकर काम कर रहे हैं।2013-14 में जहां कृषि विकास दर -4.5 थी वहीं 4 वर्ष में 14.29% हो गई है।
झारखंड के मेहनतकश किसानों की बदौलत यह विकास दर हम हासिल कर पाएं हैं। और दुनिया को यह बताने का काम किया है कि झारखंड के किसानों में इतनी क्षमता है कि वह इस लक्ष्य को प्राप्त कर पाए हैं। इस क्षमता को हमारी सरकार की नीतियों, शासन के सहयोग से संबल मिला है। इसके लिए कृषि विभाग को बहुत-बहुत धन्यवाद। यह क्षमता जो हमारे राज्य के किसानों के पास है इस क्षमता का उपयोग हम 2022 में किसानों की आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूर्ण करने के लिए करेंगे। किसानों के उत्साह से सरकार भी उत्साहित है। उसके लिए हमने तय किया है कि 2022 तक दोगुना नहीं बल्कि चौगुना करने वाला देश का पहला राज्य झारखंड बनेगा। इस को ध्यान में रखकर ही ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट का आयोजन किया गया ह। जहां देश दुनिया में क्या नवीनतम तकनीक अपनाई जा रही हैं, झारखंड के एग्रीकल्चर एवं फूड सेक्टर में उन्हें अंगीकृत किया जा सके यही इस कार्यक्रम का उद्देश्य था।
यह कार्यक्रम एक जरिया था ताकि हमारे राज्य भर के किसान आ कर देखें और समझें और अनुभव प्राप्त करें। कृषि के क्षेत्र में अपने अनुभवों का उपयोग कर कम लागत में कृषि की उत्पादकता कैसे बढ़े यह ज्ञान अर्जित करें। इस दृष्टिकोण से ग्लोबल समिट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने, उसके बाजारीकरण की व्यवस्था, प्रसंस्करण की व्यवस्था को ध्यान में रखकर काम किया गया है। कल 50 फूड प्रसंस्करण संयंत्रों का आॅनलाइन शिलान्यास किया गया। ऑनलाइन मार्केटिंग की व्यवस्था में विभिन्न देशों के लोगों के साथ भी हमारी बातचीत हुई है।
चीन के कृषि मंत्रालय से बात हुई और बहुत जल्द झारखंड सरकार और चीन में एमओयू होने जा रहा है। हमारे यहां भिंडी उत्पादन होता है, झारखंड की भिंडी चीन में जाएगी और एमओयू करने के बाद इस दिशा में हम लोग आगे बढ़ेंगे।
मोरक्को के राजदूत द्वारा यह बताया गया कि उनके देश की आबादी और झारखंड की आबादी बराबर है। दोनों जगह कृषि में कई सफल प्रयोग हैं। और आपसी सहमति बनाकर के एक दूसरे से अच्छे कृषि कार्यों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह तकनीक का आदान-प्रदान और देशों के साथ भी करेंगे और मोरक्को का ग्रीन प्लान जो कि बहुत सफल है उसका लाभ झारखंड के किसान ले सकते हैं।कम पानी में कैसे बेहतर तकनीक का उपयोग हम कर सकते हैं यह मोरक्को के साथ टाईअप करेंगे
इसराइल के साथ सेंटर फॉर एक्सीलेंस को भी हम लोग एमओयू करके भारत सरकार को दो-तीन दिन के अंदर फाइनल करेंगे ताकि प्रशिक्षण यहीं पर हमारे झारखंड के किसानों को मिले यह इजरायल सरकार के प्रतिनिधि से बात हुई है।
पतंजलि के बाबा रामदेव ने भी झारखंड के प्रति प्रेम को प्रदर्शित किया है और उन्होंने आज सभी के समक्ष यह घोषणा की है कि जो भी ऑर्गेनिक उत्पादन होगा- धान, चावल आटा, सब्जी को पतंजलि द्वारा तय किया जाएगा।सबसे बड़ी बात जो कि प्रधानमंत्री ने मीठी क्रांति का जो आह्वान किया है उसको झारखंड जैसे प्रदेश में भली भांति लागू किया जा सकता है। इस दिशा में भी बाबा रामदेव ने घोषणा की है।
राज्य के जितने किसान मधु उत्पादन में संलग्न है, उसके लिए प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना यहां पर की जाएगी। सारी मधु का क्रय पतंजलि द्वारा किया जाएगा।स्वाबलंबी तभी बनेगी बनेंगे जब हम अपने देश में उत्पादन को बढ़ावा देंगे।देश में जो क्षमता है उस क्षमता को विकसित करने का काम कर रहे हैं।
फ़ख्र है कि मैं तो झारखण्ड का किसान हूँ……
फ़ख्र है कि मैं तो झारखण्ड का किसान हूँ……हमसब तबियत से किसान हैं…आज खुश होकर और आत्म विश्वास से लबरेज होकर लौट रही हूं… हम उन पुरखों को उनका कल लौटाएंगे… उन्होंने हमें खेत दिए लेकिन आधुनिकता की इस दौड़ में उन पुरखों का सपना कहीं पीछे छूट गया था…लेकिन अब नहीं…धन्यवाद मुख्यमंत्री जी आपने हमारी सोई हुई आत्मा को जगा दिया अब हम गांव की आत्मा यानी कृषि को पुनर्जीवित करेंगे…. बोकारो से आई इस महिला कृषक के इस उद्गार ने मानो ग्लोबल एग्रीकल्चर और फ़ूड समिट 2018 के आयोजन को सफल बना दिया….मौका था ग्लोबल एग्रीकल्चर और फूड समिट के समापन समारोह का।
- समिट में करीब 20 हजार किसानों ने लिया भाग
- 273 करोड़ का निवेश 50 उद्योग के शिलान्यास के साथ सुनिश्चित हुआ.
- 6000 लोगों को मिलेगा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार
- 6 सेक्टर में हुए सेमिनार से लाभान्वित हुए देश के किसान
दो दिवसीय ग्लोबल एग्रीकल्चर और फूड समिट 2018 के दौरान झारखण्ड समेत देश के 16 राज्य के करीब 20 हजार किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के उद्घटान समरोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने भाग लिया जबकि समापन समारोह में योगगुरु बाबा रामदेव का आगमन हुआ।
273 करोड़ का निवेश से खुशहाल बनेंगे झारखंड के किसान
इस समिट के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग के 50 यूनिट की आधारशिला रखी गई। करीब 1500 प्रत्यक्ष और 4500 से ज्यादा अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ। किसानों को नई तकनीक स्व अवगत कराने के उद्देश्य से 6 सेक्टर यथा मत्स्य, बागवानी, फूड प्रोसेसिंग, एग्रीकल्चर इको सिस्टम, वर्ल्ड बैंक सेशन समेत अन्य विषयों पर मंगोलिया, फिलीपींस, इजराइल, चीन, ट्यूनीशिया से आये विशेषज्ञ से अपनी बात राज्य के किसानों से साझा किया। उनके प्रश्नों के माकूल जवाब उन्हें प्राप्त हुए। किसानों को कृषि कार्य में उपयोग होने वाले यंत्रों की जानकारी दी गई ताकि आधुनिक प्रणाली अपना कर किसान ज्याद पैदावार सुनिश्चित कर सकें।
160 स्टाल में मिली महत्वपूर्ण जानकारी
ग्लोबल एग्रीकल्चर और फूड समिट 2018 में 160 स्टॉल लगाए गए। इनमें 70 स्टाल झारखण्ड के किसानों के थे। जहां किसानों ने अपने उत्पाद का प्रदर्शन किया। चीन, मंगोलिया, फिलिपींस, ट्यूनीशिया के भी स्टॉल लगाए गए, जहां किसानों को विदेश में उत्पादित हो रहे फसलों की जानकारी मिली।
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