ब्राजील के साथ पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जेएम बोलसोनारो ने वार्ता की। दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार व निवेश, वाणिज्य, कृषि, साइबर सुरक्षा, तेल व गैस, पशुपालन और जैव ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने को 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जील के राष्ट्रपति जेएम बोलसोनारो का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे 71वें गणतंत्र दिवस पर आप हमारे मुख्य अतिथि हैं। कल राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में आप भारत की विविधता का रंग-बिरंगा और उल्लासपूर्ण स्वरूप देखेंगे। ब्राजील खुद भी उल्लास से भरे पर्वों का देश है। एक मित्र के साथ इस विशेष पर्व पर हम अपनी खुशी साझा करेंगे।भारत का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। यह तीसरा अवसर है जब ब्राजील के राष्ट्रपति ने यह सम्मान हमें दिया है। और भारत और ब्राजील के बीच मजबूत मित्रता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा भारत और ब्राज़ील की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप हमारी समान विचारधारा और मूल्यों पर आधारित है।इसलिए, भौगोलिक दूरी के बावज़ूद हम विश्व के अनेक मंचों पर साथ हैं। और विकास में एक-दूसरे के महत्वपूर्ण पार्टनर भी हैं।इसलिए, आज राष्ट्रपति बोल्सानारो और मैं हमारे द्विपक्षीय सहयोग को सभी क्षेत्रों में और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।हमारी Strategic Partnership को और मज़बूत करने के लिए एक वृहद् Action Plan तैयार किया गया है। सन् 2023 में दोनों देशों के बीच diplomatic संबंधों की platinum jubilee होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि तब तक यह Action Plan हमारी strategic partnership, people-to-people ties और business cooperation को और गहरा बनाएगा।

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साथ ही श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमने आज कई महत्वपूर्ण समझौते भी किए हैं। निवेश हो या अपराधिक मामलों में कानूनी सहायता, ये समझौते हमारे सहयोग को नया आधार देंगे। विविध क्षेत्रों, जैसे Bio-Energy, Cattle Genomics, Health and Traditional Medicine, Cyber Security, विज्ञान और प्रोद्योगिकी, तेल और गैस तथा संस्कृति में हमारा सहयोग और तेज़ी से आगे बढ़ेगा।गायों की स्वस्थ और उन्नत प्रजातियों पर सहयोग हमारे संबंधों का एक अनूठा और सुखद पहलू है। किसी समय, भारत से गीर और कंकरेजी गायें ब्राजील गयी थी। और आज, ब्राजील और भारत इस विशेष पशुधन को बढा़ने और उससे मानवता को लाभ पहुंचाने पर सहयोग कर रहे है। इस सहयोग के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को किसी भी भारतीय के लिए शब्दों में बयान कर पाना मुश्किल है।

प्रधानमंत्री ने कहा परंपरागत क्षेत्रों के अलावा कई नए क्षेत्र भी हमारे संबंधों में जुड़ रहे हैं। हम defence industrial cooperation को बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर focus कर रहे हैं। रक्षा सहयोग में हम broad-based partnership चाहते हैं।इन संभावनाओं को देखते हुए हमें खुशी है कि अगले महीने लखनऊ में DefExpo 2020 में ब्राजील का एक बड़ा delegation भाग लेगा।मुझे प्रसन्नता है कि bio-energy, Ayurveda और advanced computing पर research में सहयोग बढ़ाने पर हमारे academic और research institution के बीच सहमति बनी है। भारत के economic transformation में ब्राज़ील एक valuable partner है। Food और energy के क्षेत्रों में हमारी आवश्यकताओं के लिए हम ब्राज़ील को एक विश्वसनीय स्त्रोत के रूप में देखते हैं।हमारा द्विपक्षीय व्यापार हांलाकि बढ़ रहा है। दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच complementarities (पूरकताओं) को देखते हुए हम इसे बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं।आपके साथ ब्राज़ील के प्रभावशाली business delegation का भारत में स्वागत करके हमें खुशी है। मुझे विश्वास है कि भारतीय उद्यमियों और व्यापारियों के साथ उनकी मुलाकातों के अच्छे परिणाम आयेंगे। दोनों देशों की ओर से investment को सुगम बनाने के लिए आवश्यक legal framework तैयार किया गया है। आज के inter-connected विश्व में भारत और ब्राज़ील के बीच Social Security Agreement Professionals के आसान आवागमन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो बड़े लोक तांत्रिक और विकासशील देश होने के नाते महत्वपूर्ण global और multilateral मुद्दों पर भारत और ब्राज़ील के विचारों में गहरी समानता है। चाहे आतंकवाद की गंभीर समस्या हो या पर्यावरण का प्रश्न। विश्व के सामने मौजूदा कठिन चुनौतियों पर हमारा नजरिया बहुत मिलता-जुलता है। ब्राजील और भारत के हित समान है। विशेष रूप से BRICS और IBSA में हमारी partnership, भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। आज हमने तय किया है कि दोनों देश multilateral मुद्दों पर अपने सहयोग को और दृढ़ बनायेंगे। और हम सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में आवश्यक सुधार के लिए मिलकर प्रयासरत रहेंगे।

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