जबलपुर-कलेक्टर ने की कृषि, पशुपालन एवं उद्यानिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा

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कलेक्टर भरत यादव ने आज मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मछलीपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कोरोना के संक्रमण से सतर्कता के साथ-साथ विभागीय कामकाज में गति लाने के निर्देश दिये हैं।

श्री यादव ने बैठक में खरीफ की फसलों के लिए खाद-बीज की उपलब्धता का ब्यौरा लिया, तथा अधिकारियों को किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरुप खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने पशुपालन विभाग की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए जिले में संचालित गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत बताई। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए महिला स्व सहायता समूहों को गौशाला के संचालन की जिम्मेदारी दी जाये ताकि पंचगव्य के उत्पाद तैयार कर उनका विक्रय कर सकें। उन्होने गौशालाओं में सौर उर्जा पैनल लगाने का प्रस्ताव तैयार करने की बात भी कही।

कलेक्टर ने बैठक में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को पशुपालन हेतु प्रेरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पशुपालक किसानों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर दिये जाएं। श्री यादव ने ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन समितियों को भी सक्रिय करने पर बल दिया। उन्होंने बैठक में मत्स्य विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि बड़े किसानों को उद्यानिकी की फसल लने के साथ-साथ मछली पालन की गतिविधियों से भी जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए इच्छुक किसानों की कार्यशालाएं भी आयोजित की जायें। कलेक्टर ने जिले में मछलियों के लिए आहार बनाने की ईकाई की स्थापना हेतु प्रयास करने पर भी जोर दिया। श्री यादव ने परियट और खंदारी जलाशय में भी मछली उत्पादकता की संभावनाओं पर काम करने के निर्देश मत्स्य विभाग के अधिकारी को दिए।

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कलेक्टर ने बैठक में मौजूद दुग्ध संघ के अधिकारियों को शहर में सांची दूध की सप्लाई चेन को सुदृढ़ बनाने के लिए जगह-जगह सांची पार्लर स्थापित करने की कार्य योजना पर शीघ्र अमल करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल जैसी विपरीत परिस्थितियों में सप्लाई चेन को मजबूत करने का दुग्ध संघ के पास अच्छा अवसर था अभी भी शहर में सांची पार्लर स्थापित कर दुग्ध संघ अपने दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति बढ़ा सकता है।

श्री यादव ने बैठक में दुग्ध संघ के अधिकारियों से पनीर प्लांट स्थापित किये जाने की दिशा में हुई प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन समितियों को सक्रिय करने एवं बड़ी दुग्ध समितियों को चिलिंग प्लांट लगाने के लिए प्रेरित करने दुग्ध संघ और पशुपालन विभाग को मिलकर काम करने के निर्देश भी दिये। श्री यादव ने ग्रामीण क्षेत्रों में मत्स्य आहार, पशु आहार बनाने की ईकाईयां स्थापित करने के लिए युवाओं को स्वरोजगार योजनाओं के तहत ऋण उपलब्ध कराने के प्रकरण तैयार करने की जरूरत भी बताई।

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कलेक्टर ने बैठक में उद्यानिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए जिले में आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के उत्पादों का प्रमाणीकरण कराने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेशन मिलने से किसानों को आर्गेनिक उत्पादों के अच्छे दाम मिलेंगे और दूसरे किसान भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। श्री यादव ने उद्यानिकी फसलों की खेती में ड्रिप स्प्रिंकलर सिस्टम को बढ़ाना देने के निर्देश भी दिये। उन्होंने जिले में बड़ी मात्रा में सिंघाड़ा के हो रहे उत्पादन को देखते सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट लगाने तथा स्टोरेज की व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई और इस दिशा में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये।

कलेक्टर ने बैठक में पशुपालन, मछलीपालन कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना सहित स्वरोजगार योजनाओं के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश भी बैठक में दिये। श्री यादव ने जिले में मछली की उत्पादकता बढ़ाने के लिए मत्स्य पालक किसानों का समय-समय पर प्रशिक्षण आयोजित करने तथा उन्हें स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक मत्स्य बीज एवं मत्स्य आहार का चयन करने की सलाह देने के निर्देश भी दिये।

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