नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन दिवस के उपलक्ष्य पर रिलायंस फ़ाउंडेशन और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक ऑडियो कांफ्रेंस सत्र का आयोजन किया गया जिसमे मुज्ज़फरपुर के बोचहाँ ब्लाक के 30 पशु सखियों ने भाग लिया। “आपदा की घडी में पशुओं के बचाव एवं स्वास्थ्य और पोषण” विषय पर ऑडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा पशु सखियों को जोड़ा गया।
बिहार की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहाँ की नदियां तेज बहाव के साथ बहती है बागमती नदी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बरसात के मौसम में जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है, वर्तमान समय में मुजफ्फरपुर के बोचहाँ प्रखंड के अधिकांश गाँव बाढ़ पीड़ित हैं ऐसे में पशु सखियों ने बताया की बाढ़ के प्रकोप से हमारे में जीवन खासा प्रभाव पड़ा है, इस परिस्थिति में दस्त, बुखार आदि समस्या आम है साथ ही पशुओं में भी समस्या होने लगती है जिससे बचाव जरूरी है। कॉन्फ़्रेंसिंग में कई सखियों ने बताया की बाढ़ के पानी का सेवन कर लेने से कई पशुओं में डाईरिया के लक्षण पाए गए और कई पशुओं की मौत हो गयी। बाढ़ के पानी के सूखने के तुरंत बाद उग आये घास को खाने से भी पशुओं के पेट में दर्द और पेट से संबंधित अन्य बीमारियाँ होने का खतरा बना रहता है।
विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. पंकज कुमार ने बाढ़ की स्थिति में पशु स्वास्थ्य और पशु पोषण संबंधित समस्याओं पर पशु सखियों के सवालों का जवाब दिया वहीँ सुखा और ठंड हवाओं के मौसम के समस्याओं और उनसे बचाव, चारे की समस्या संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दिया।
विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. ए.के.ठाकुर ने रिलायंस फाऊडेशन की ओर से किये गए इस पहल की सराहना करते हुए कहा की बिहार के बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में ऐसे आयोजन से लोगों को बहुत लाभ मिलेगा. आपदा प्रबंधन पर विश्वविद्यालय ने प्रशिक्षण मोड्यूल तैयार किया है, विश्वविद्यालय ने हाल ही में राज्य के ग्यारह सौ पशुचिकित्सकों और पदाधिकारियों को आपदा के दौरान पशुओं की देखभाल पर प्रशिक्षण दिया है। इस मौके पर रिलायंस फ़ाउंडेशन के रोबिन रवि ने बताया की टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-419-800 का इस्तेमाल कर पशु पालन एवं पशु स्वास्थ्य संबंधित तकनीकी सहायता प्राप्त किया जा सकता है।
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