नवंबर/ कार्तिक: माह में पशुपालन कार्यों का विवरण
- मुंह पका खुर पका रोग का टीका अवशेष पशुओं को लगवाएं।
- अंतः क्रमी नाशक दवा का सेवन अवश्य कराएं।
- पशुओं को संतुलित आहार दें।
- बरसीम तथा जई अवश्य बोए।
- 50 ग्राम खनिज मिश्रण एवं 50 ग्राम नमक प्रत्येक पशु को खिलाएं।
- थनैला रोग होने पर पशुचिकित्सक से समुचित उपचार कराएं।
- बहु वर्षीय घासों की कटाई करें, इसके बाद यह सुसुप्त अवस्था में चली जाती हैं जिससे अगली कटाई तापमान बढ़ने पर फरवरी-मार्च में ही प्राप्त होती हैं।
- थनैला रोग से बचाव हेतु दूध निकालने से पहले एवं दूध निकालने के पश्चात हेलो को एक अनुपात 1000 पोटेशियम परमैग्नेट के गोल से अवश्य धोना सुनिश्चित करें।
- 3 माह पूर्व गर्वित पशुओं का गर्भ परीक्षण कराएं एवं जो पशु गर्वित ना हो पशु चिकित्सक द्वारा उनकी समुचित जांच के उपरांत पशु का समुचित उपचार कराएं।
- अवर्णित नस्ल के बछड़ों का बदिया करण कराएं।
- पशुओं को संतुलित आहार एवं खली की सानी अवश्य दें।
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