सिक्किम सरकार ने राज्य में सुअर पालकों और सुअर प्रजनन को प्रोत्साहित करने के लिए इस वित्तीय वर्ष 2021-22 से सुअर उत्पादन प्रोत्साहन योजना (पीपीआईएस) शुरू की जिसके तहत प्रत्येक चयनित पशुपालक को 50,000 रुपये तक प्रोत्साहन राशि के रूप में प्राप्त हो सकेंगे।
पशुपालन विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पीपीआईएस का लाभ उठाने के लिए पात्र परिवार के एक सदस्य को कम से कम तीन प्रजनन योग्य सूअर पालने होंगे। इन तीन सूअरों में नर एक से अधिक नहीं होना चाहिए और प्रत्येक सुअर का जीवित शरीर का वजन 50 किलो से अधिक और पांच महीने से अधिक उम्र का होना चाहिए। संशोधित पीपीआईएस गाइडलाइन के अनुसार ऐसे परिवार को 3 प्रजनन योग्य सूअर एवं उनकी बीमा की लागत सहित 15,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा।
योजना के अंतर्गत आने वाले प्रति सुअर 12,000 रुपये के बाजार मूल्य पर 4% की दर से इन प्रजनन योग्य सूअरों का बीमा प्रीमियम के रूप में एक वर्ष के लिए अनिवार्य है। बीमा राशि बीमा कंपनी को हस्तांतरित की जाएगी और शेष प्रोत्साहन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। लाभार्थी बीमा अवधि के दौरान या पहली फैरोइंग तक सुअर को नहीं बेचेगा। एक बार जब एक ही परिवार के घर में 50 किलो से अधिक जीवित शरीर के वजन वाले सूअरों की संख्या 5 महीने की न्यूनतम आयु के साथ 4-10 सूअरों की सीमा तक पहुंच जाती है, तो किसान रुपये का कुल प्रोत्साहन प्राप्त करने का पात्र होगा। 25,000/- इसलिए, अतिरिक्त रु. प्रोत्साहन के रूप में 10,000 का भुगतान किया जाएगा।
जिसके लिए योजना के तहत सभी सूअरों को एक पहचान टैग जोड़ा जाएगा। एक बार एक ही परिवार के खेत में 50 किलो से अधिक जीवित शरीर के वजन वाले सूअरों की संख्या 5 महीने की न्यूनतम आयु के साथ 11-20 सूअरों की सीमा तक पहुंच जाती है, तो किसान रुपये का कुल प्रोत्साहन प्राप्त करने का पात्र होगा। 35,000/- इसलिए, अतिरिक्त रु. प्रोत्साहन के रूप में 10,000 का भुगतान किया जाएगा। जिसके लिए योजना के तहत सभी सूअरों को एक पहचान टैग जोड़ा जाएगा। एक बार एक ही परिवार के खेत में 50 किलो से अधिक जीवित शरीर के वजन वाले सूअरों की संख्या कम से कम 5 महीने के खेत में 21 सूअर या उससे अधिक हो जाने पर, किसान रुपये का कुल प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। 50,000/- इसलिए, अतिरिक्त रु. प्रोत्साहन के रूप में 15000 का भुगतान किया जाएगा। जिसके लिए योजना के तहत सभी सूअरों को एक पहचान टैग जोड़ा जाएगा।
योजना का लाभ उठाने के लिए सुअर पालन फार्म का पंजीकरण अनिवार्य है और यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करेगी। एकमुश्त प्रोत्साहन के रूप में एक परिवार का केवल एक व्यक्ति ही योजना का लाभ उठा सकता है। परिवार तय करेगा कि डीबीटी के माध्यम से योजना का लाभ कौन उठाएगा। जिला उपसमिति, जिला समिति एवं राज्य स्तरीय समितिया इस योजना का क्त्रियान्वयन संबंधित जिला पशुपालन विभाग के अधिकारियों के माध्यम से करेंगी। उक्त जानकारी सचिव, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति से हुई।
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