देश में 20 भ्रूण प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्‍थापना की जा रही है: श्री राधा मोहन सिंह

5
(70)

26 नवम्बर 2018: केन्‍द्रीय कृषि व किसान कल्‍याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि पशु पालक किसानों के सामाजिक और आर्थिक विकास के संदर्भ में कृषि और डेयरी उद्योग एक-दूसरे के पूरक हैं। इस उद्देश्‍य की प्राप्‍ति के लिए यह आवश्‍यक है कि उत्‍पादन बढ़ाने के लिए हमारे पास बेहतर नस्‍ल के पशु हों। ‘राष्‍ट्रीय दुग्‍ध दिवस’ के अवसर पर अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत अधिक संख्‍या में मादा जानवरों के उत्‍पादन के लिए 10 सीमेन केंद्रों की पहचान की गई है, जहां लिंग चयनित सीमेन  का उत्‍पादन होगा। उत्‍तराखंड और महाराष्‍ट्र में दो केंद्रों के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी गई है। जून, 2018 को उत्‍तराखंड के ऋषिकेश में लिंग चयनित सीमेन  केंद्र की आधारशिला रखी गई है। इसके अतिरिक्‍त स्‍थानीय नस्‍लों के जिनोम चयन के लिए इंडसचिप को विकसित किया गया है। इसके उपयोग से 6,000 डेयरी जानवरों का मूल्‍यांकन किया गया है। उन्‍होंने जानकारी देते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत 13 राज्‍यों में 20 गोकुल ग्रामों को मंजूरी दी गई है। इनकी कुल लागत 197 करोड़ है। योजना के पशु संजीवनी घटक के तहत यूआईडी (यूनिक आइडेंटिफिकेशन डिवाइस) का उपयोग करके 9 करोड़ दुधारू पशुओं की पहचान की गई है।

उन्‍होंने कहा कि विश्‍व के सबसे बड़े दुग्‍ध उत्‍पादक होने का श्रेय भारत के पशु पालक किसानों तथा भारत सरकार की विभिन्‍न योजनाओं को जाता है। उन्‍होंने आगे कहा कि देश में 20 भ्रूण स्‍थानांतरण प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्‍थापना की जा रही है और अब तक 19 केंद्रों के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी गई है। इन केंद्रों में स्‍वदेशी नस्‍ल के 3000 उच्‍च जेनेटिक्‍स बैलों का उत्‍पादन हो रहा है।

श्री सिंह ने आगे कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने नवंबर, 2016 में ई-पशुहाट (https://epashuhaat.gov.in/) पोर्टल का शुभारंभ किया था। यह पोर्टल रोग मुक्‍त जनन पदार्थ (जर्म-प्‍लाज्‍म) जैसे पशु, फ्रोजन सीमेन  व भ्रूण के व्‍यापार में किसानों, प्रजनकों व अन्‍य एजेंसियों को परस्‍पर जोड़ने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अब एक मोबाइल ऐप  ई-पशु हाट (जीपीएमएस) ट्रांसपोर्टल विकसित किया गया है और इसे उमंग ऐप  से जोड़ा गया है। किसान, उमंग ऐप  को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं। वे अब 100 किलोमीटर के दायरे में रोगमुक्‍त जनन-पदार्थ सेवा की उपलब्‍धता के बारे में जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं। ई-पशु हाट ऐप  एक करोड़ पंजीकृत उमंग उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्‍ध है।

और देखें :  थनैला रोग के कारण, लक्षण एवं बचाव

मंत्री महोदय ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इस वर्ष डेयरी प्रसंस्‍करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) की शुरुआत की है। इसका लक्ष्‍य 50,000 गांवों के 95 लाख दुग्‍ध उत्‍पादकों को लाभ पहुंचाना तथा कुशल, अर्द्धकुशल और अकुशल श्रमिकों को प्रत्‍यक्ष व अप्रत्‍यक्ष रोजगार उपलब्‍ध कराना है। डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत स्‍वरोजगार के अवसरों के लिए वित्‍तीय सहायता का प्रावधान है। इसके तहत दुग्‍ध उत्‍पादन से लेकर बिक्री से संबंधित विभिन्‍न गतिविधियों में स्‍वरोजगार के लिए वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराई जाती है, इसके तहत 3,31,314 डेयरी इकाइयों की स्‍थापना की गई है और सरकार ने इस मद में 1401.96 करोड़ रुपये की सब्‍सिडी दी है। इसके अतिरिक्‍त राज्‍य सरकारें दुग्‍ध उत्‍पादन सहकारी संघों/परिसंघों के माध्‍यम से विश्‍व बैंक द्वारा वित्‍त पोषित राष्‍ट्रीय डेयरी योजना चरण-1, राष्‍ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी)

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (70 Review)

और देखें :  राजस्थान में पशुपालन विभाग उपेक्षा का शिकार, पशु चिकित्सकों की कमी के कारण पशु चिकित्सा सेवाएं बाधित

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*