13 दिसम्बर 2018: उत्तराखण्ड की तर्ज पर हिमाचल में भी गाय को मिलेगा राष्ट्रमाता का दर्जा। हिमाचल विधान सभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने के बाद अब स्वीकृति के लिए केंद्र को भेजा जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के धर्मशाला के तपोवन में चल रहे शीतकालीन सत्र के चौथे दिन शिमला के कुसमपट्टी से कांग्रेस विधायक श्री अनिरुद्ध सिंह गोमाता को “राष्ट्रमाता” घोषित करने के बारे में कोई नीति बनाने पर विचार करने का संकल्प सदन में लेकर आए।
अनिरुद्ध ने कहा कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाती का हो, बचपन में सभी ने गाय माता का दूध पिया है। कई बार ऐसा होता है कि बच्चे माँ का दूध नहीं पी सकते हैं तो डॉक्टर सलाह देते हैं कि इनको गाय का दूध पिलाओ। परन्तु कुछेक साल में गाय की दुर्दशा हमारे सामने आई है। जब तक गाय दूध देती है तब तक उसको पालते है। और जब दूध देना बांध कर देती है तो सड़को पर उसे छोड़ देते है तथा उन्हें प्लास्टिक खाने के लिए मजबूर कर देते हैं। विधायक श्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से लाए संकल्प प्रस्ताव पर चर्चा के बाद भाजपा और कांग्रेस के सभी सदस्यों ने हामी भरते हुए सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन में गो माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की सिफारिश की चर्चा के जवाब में यह भी कहा कि प्रदेश सरकार भारतीय मूल की गऊ को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनमे शोध करने के लिए गो विज्ञान केंद्र खोलेगी और इसका नाम “गौरी” रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा की प्रदेश सरकार ने हिमाचल की पहाड़ी नस्ल की गाय को पहचान दिलाने के लिए तथा इसकी वांशिकी निर्धारित करने के लिए प्रस्ताव राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक संस्थान के पास भेजा है। राज्य की छोटे कद की पहाड़ी नस्ल की गाय को पहचान दिलाकर ‘गौरी’ नाम से पुकारा जाएगा।
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