31 मई 2019: देश में पहली बार पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन को अलग मंत्रालय बनाया गया है। पहले ये मंत्रालय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतंर्गत आते थे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन को अलग मंत्रालय बनाया गया है। सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन बनाकर ये सन्देश दिया है कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन के क्षेत्र में ज्यादा काम करने की आवश्यकता है, क्योंकि खेती के बाद देश की सबसे ज्यादा आबादी पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन से जुड़ी हुई है।
मोदी सरकार ने बिहार के बेगुसराय से लोकसभा सांसद गिरिराज सिंह को पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन का कबिनेट मंत्री बनाया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से लोकसभा सांसद डॉ संजीव बालियान तथा ओडिशा के बालासोर से लोकसभा सांसद प्रताप चन्द्र सारंगी को पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन का राज्य मंत्री बनाया है। गिरिराज सिंह पहले भी बिहार में नितीश सरकार में पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं और डॉ संजीव बालियान स्वयं भी पशुचिकित्सक हैं, जिन्होंने हिसार से पशुपालन में बैचलर डिग्री व मास्टर डिग्री हासिल की हुई है।
नए पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्रालय के अंतर्गत पशुधन में सुधार एवं संरक्षण, पशुधन की रोगों से सुरक्षा, पशुधन उत्पाद तथा डेयरी विकास एवं अंतर्देशीय तथा समुद्री मत्स्यन एवं मात्स्यिकी से जुड़े मामले आयेंगे। पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्रालय का प्रभार मिलने के बाद गिरिराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार में मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे मैं प्रधानमंत्री जी के रोड मैप के अनुसार आगे ले जाने का काम करूंगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैंने पहले भी बिहार में इस मंत्रालय में मंत्री के रूप में काम किया है और मुझे ख़ुशी है कि फिर से इस पोर्टफोलियो में काम करने का मौका मिला है।
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