09 जुलाई 2019: केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर (CSWRI, Avikanagar) द्वारा करीब 2500 भेड़ों के रेवड़ का, जो निष्क्रमण से मसूदा, बान्दनवाड़ा की ओर लौट रहा था, इलाज किया गया। इसमें इनके चरवाहों को भेड़ों के निष्क्रमण के दौरान आने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियों एवं इनके समाधान हेतु जानकारी दी गयी। संस्थान निदेशक डा. आर्तबन्धु साहू ने सभी भेड़ पालकों को चारा ईंट एवं मिनरल मिक्चर के पेकेट निःशुल्क वितरीत किये तथा भेड़ों के रखरखाव एवं स्वास्थ्य में इनके महत्व के बारे में विस्तृत रूप से बताया।
पूर्व निदेशक डा. अरूण कुमार ने भी भेड़ पालकों से चर्चा की तथा उन्नत नस्ल के मेंढ़े को रेवड़ में रखने पर जोर दिया। इस दौरान संस्थान के पशु चिकित्सकों ने संक्रमित एवं बीमार भेड़ों का वांछित इलाज किया। पाली एवं बांदनवाड़ा क्षेत्र के इन भेड़ पालकों को संस्थान के भेड़ सेक्टरों का भ्रमण भी कराया गया जहाँ पर भेड़ पालन से सम्बन्धित इनको व्यावहारिक जानकारी दी गयी ताकि भेड़ पालन से ये अधिकाधिक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकें। पूरे कार्यक्रम के दौरान भेड़ पालकों ने अपनी समस्याओं को भी बताया जिन्हें संस्थान के दक्ष वैज्ञानिकों ने समाधान देकर संतुष्ट किया। भेड़ पालकों एवं किसानों के हितार्थ संस्थान सदैव ही तत्पर रहता है।
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