27 जुलाई 2019: लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने निर्देश दिये कि राज्य खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला में दूध और दुग्ध उत्पाद के नमूनों की जाँच 4 दिन में दें। उन्होंने कहा कि नमूनों की जाँच में विलम्ब होने से मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्यवाही में देरी होती है। श्री सिलावट ने कहा कि प्रयोगशाला द्वारा अभी 14 दिन में जाँच रिपोर्ट दी जा रही है, जो उचित नहीं है।
मंत्री श्री सिलावट ने ए-ग्रेड के 100 नमूनों को मुम्बई प्रयोगशाला में जाँच के लिये भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला में नमूने प्राप्त करने से लेकर जाँच रिपोर्ट बनने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिये सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाये जायें। श्री सिलावट ने प्रशिक्षण, परीक्षण और जागरूकता के लिये चलित प्रयोगशाला (फूड सेफ्टी ऑन व्हील) का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मुख्यालय पर मौजूद एक प्रयोगशाला को तत्काल ग्वालियर क्षेत्र भेजा जाये। खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक श्री सिंह ने बताया कि 3 चलित प्रयोगशाला हैं। इनमें से एक मुरैना जिले में हैं और 2 अभी मुख्यालय पर हैं, जिन्हें समय-समय पर क्षेत्रों में भेजा जाता है।
मंत्री श्री सिलावट ने प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के लिये प्रयोगशाला में आने वाले नमूनों को संधारित करने, परीक्षण के लिये चयन और परीक्षण रिपोर्ट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया का निष्पक्ष और पारदर्शी होना सुनिश्चित किया जाये। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि प्रयोगशाला में जाँच के लिये सामग्री की कमी नहीं रहना चाहिये। प्रयोगशाला में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहे। उन्होंने औषधि प्रयोगशाला का निरीक्षण करते हुए कहा कि औषधि प्रयोगशाला में नई टेक्नालॉजी की मशीनें और उपकरण लगायें।
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री रवीन्द्र सिंह ने बताया कि प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थों और औषधि के नमूनों की जाँच तेजी से की जा रही है। मिलावटखोरों के विरुद्ध जारी अभियान को ध्यान में रखते हुए आने वाले नमूनों की जाँच समय पर हो, इस क्रम में प्रयोगशाला के कर्मचारियों की छुट्टियाँ भी निरस्त कर दी गई हैं।
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