16 जुलाई 2019: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूसा स्थित भारतरत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार में आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 91वें स्थापना दिवस एवं पुरस्कार समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आईसीएआर ने अपने प्रयासों से हमारे देश को न केवल एक खाद्यान्न आयातक राष्ट्र से एक निर्यातक राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, वरन् खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भरता प्रदान करते हुए पोषणिक सुरक्षा की तरफ कदम भी बढ़ाये हैं।
इस अवसर पर पशुचिकित्सा शोध, पशुचिकित्सा शिक्षण एवं पशुपालन सम्बन्धी तकनीकियों के प्रसार में वर्ष 2018 में किये गए उल्लेखनीय कार्यों हेतु भारतीय पशुचिकित्सा अनुसन्धान संस्थान (IVRI) के वैज्ञानिकों को पांच राष्ट्रीय स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
पशुचिकित्सा शोध में उल्लेखनीय योगदान के लिए रफ़ी अहमद किदवई अवार्ड, पशु दैहिकी एवं जलवायु विभाग की अध्यक्षा डॉ. तरु शर्मा को दिया गया, इस पुरस्कार की धनराशि 5 लाख रुपये है।
आधुनिक सुचना एवं संचार माध्यमों के प्रयोग से कृषकों के द्वार एवं खेत तक कृषि तकनीकियों के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए पंडित दीं दयाल उपाध्याय कृषि विज्ञानं राष्ट्रिय प्रोत्साहन पुरस्कार संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र को दिया गया , इस पूरस्कार की धनराशि 2.25 लाख रूपए है। यह पुरस्कार कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व प्रभारी डॉ. बी.पी. सिंह एवं वर्तमान अध्यक्ष डॉ. राज करन सिंह द्वारा प्राप्त किया गया।
शिक्षण में उत्कृष्ट योगदान हेतु भारत रत्न डॉ. सी. सुब्रहामण्यम सर्वश्रेष्ट शिक्षक पुरस्कार, पशु अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ मेदराम वर्मा को दिया गया, इस पुरस्कार की धनराशी 2 लाख रुपये है।
उत्कृष्ट शोध परियोजना हेतु लाल बहादुर शास्त्री युवा वैज्ञानिक पुरस्कार पशुचिकित्सा जैव प्रोद्योगिक विभाग के वरिष्ट वैज्ञानिक डॉ. दीपक कुमार को दिया गया, इस पुरस्कार की धनराशि 16 लाख रुपये है।
साथ ही पी.एच.डी. में उत्कृष्ट शोध हेतु जवाहरलाल नेहरु पुरस्कार पशुपोषण की महिला वैज्ञानिक डॉ. अंजु काला को दिया गया, इस पुरस्कार की धनराशि 50000 रुपये है।
अपने सम्बोधन में कृषि मंत्री ने आईसीएआर के विशिष्ट पुरस्कार पाने वाले संस्थानों, किसानों और पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित तौर पर इन पुरस्कारों से कृषि कार्यों से जुड़े संस्थानों व लोगों को प्रेरणा मिलेगी जिससे वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने में निश्चित रूप से सफलता हासिल होगी।
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