गिरिराज सिंह ने पशुपालन उद्योग के लिये आर्थिक पैकज हेतु वित्त मंत्री सीतारमण के साथ चर्चा की

5
(61)

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रभावित क्षेत्रों को राहत पैकेज देने पर विचार के लिये बृहस्पतिवार को “आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल” के गठन की घोषणा की थी। “आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल” की पहली बैठक में केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य और डेयरी मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने पशुपालन उद्योग के लिये प्रोत्साहन उपायों को लेकर शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ चर्चा की।

केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह के कारण मांग और कीमतों में गिरावट से कुक्कुट उद्योग को काफी नुकसान हुआ है। सोशल मीडया पर यह अफवाह है कि अंडा और चिकेन खाने से कोरोना वायरस फैलता है जबकि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है।

और देखें :  विगत साढ़े चार वर्षों में सरकार ने भारतीय कृषि में मूलभूत बदलाव के लिए कई कदम उठाए-राधा मोहन

श्री गिरिराज सिंह ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, कोरोना वायरस महामारी के कारण पशुपालन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है, इस बैठक में वित्त मंत्री जी के साथ हमने विभिन्न उपायों पर चर्चा की, इसमें कर्ज पुनर्गठन शामिल है। इससे पशुपालन क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को मदद मिल सकती है। पशुपालन मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि देश का कुक्कुट उद्योग 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है। कुक्कुट उद्योग में दस लाख से अधिक छोटे किसान सीधे तौर से जुड़े हुए हैं जबकि करोड़ों लोगों का रोज़गार परोक्ष रूप से इस क्षेत्र पर आश्रित हैं। उन्होंने कहा सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई तथा वित्त मंत्री ने सकारात्मक जवाब प्राप्त हुआ।

और देखें :  भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद् (ICFA) आयोजित करेगा एग्रोवर्ल्ड-2018

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (61 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

और देखें :  भारतीय नस्लों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हेतु ब्राज़ील से लिया जा रहा है तकनीकी सहयोग

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*