पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार, ने वर्ष 2005-06 के दौरान “डेयरी और पोल्ट्री के लिए वेंचर कैपिटल योजना” शीर्षक से एक पायलट योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे डेयरी फार्मों की स्थापना और अन्य घटकों हेतु सहायता प्रदान कर डेयरी क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना था।
इस योजना के मध्यावधि मूल्यांकन के दौरान, योजना के कार्यान्वयन की गति में तेजी लाने हेतु कुछ सिफ़ारिशें की गयी थीं। मूल्यांकन अध्ययन की सिफारिशों और किसानों, राज्य सरकारों तथा बैंकों सहित विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त अभ्यावेदनों पर विचार करते हुए पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार ने इसका नाम डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme “DEDS”) करने सहित कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन करने का फैसला किया है। ये योजना वर्ष 2010 से लागू है।
योजना के उद्देश्य
- स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देना।
- हेफ़र बछड़ा पालन को प्रोत्साहित करने के लिए, जिससे अच्छे गुणवत्ता के प्रजनन स्टॉक का संरक्षण प्राप्त हो सके।
- असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए ताकि ग्राम के स्तर पर ही दूध का प्रारंभिक प्रसंस्करण किया जा सके।
- व्यावसायिक पैमाने पर दूध को संभालने के लिए गुणवत्ता और पारंपरिक तकनीक को उच्चीकृत करना।
- स्वरोजगार उत्पन्न करने और मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए बुनियादी ढाँचा प्रदान करने के लिए।
इस योजना से कौन लाभान्वित हो सकता है?
- किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, कंपनियां, संगठित और असंगठित क्षेत्रों के समूह, आदि संगठित क्षेत्र के समूह में स्व-सहायता समूह (एसएचजी), डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध संघ, दुग्ध संघ, आदि शामिल हैं।
- योजना के कुल 8 घटक हैं और एक व्यक्ति योजना के तहत सभी घटकों के लिए सहायता लेने के लिए पात्र होगा लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार।
- इस योजना के तहत परिवार के एक से अधिक सदस्यों की सहायता की जा सकती है, बशर्ते वे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बुनियादी ढांचे के साथ अलग-अलग इकाइयां स्थापित करें। दो ऐसे खेतों की सीमाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए।
अगर आप भी मिल्क डेयरी खोलकर या उससे सम्बंधित व्यवसाय में अपनी सुविधा के हिसाब से काम करना और पैसे कमाना चाहते हैं तो DEDS आप जैसे लोगों के लिए ही है। भारत में डेयरी बिजनेस की बढ़ती संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने साल 2019-20 में डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS) के लिए 325 करोड़ रुपये का बजट रखा था। इस रकम से सरकार डेयरी खोलने या उससे सम्बंधित व्यवसाय वाले सामान्य वर्ग के लोगों को 25 फीसदी तथा SC ST वर्ग के लोगो को 33 फीसदी सब्सिडी देती है। अगर आप भी डेयरी बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो सरकार की इस योजना (DEDS) का लाभ उठा सकते हैं।
1. डेयरी खोलने के लिए सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: दस दुधारू पशुओं की योजना की अधिकतम लागत 7 लाख तक निर्धारित की गयी है, तथा न्यूनतम 2 और अधिकतम 10 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने हेतु आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप कम पूंजी से डेयरी कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो यह विकल्प भी मौजूद है, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत दो दुधारू पशु से भी डेयरी यूनिट शुरू की जा सकती है। । सामान्य जाति के व्यक्ति को 2 दुधारू पशु वाली डेयरी यूनिट पर 35 हजार रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। अगर आप SC ST कैटेगरी में आते हैं तो आपको दो पशु वाली डेयरी पर 46,600 रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
इसी प्रकार एक सामान्य जाति के व्यक्ति को 10 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने पर 1.75 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है और अगर आप SC ST कैटेगरी में आते हैं तो आपको 10 पशु वाली डेयरी पर 2.31 लाख रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
2. हीफर काफ रेयरिंग (बछड़ा पालन) यूनिट खोलने के लिए सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: 20 बछड़ो की बछड़ा इकाई की योजना की अधिकतम लागत 9.70 लाख तक निर्धारित की गयी है, तथा न्यूनतम 5 और अधिकतम 20 बछड़ो की बछड़ा इकाई खोलने हेतु आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप हीफर काफ रेयरिंग (बछड़ा पालन) यूनिट खोलने का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 5 बछड़ो की बछड़ा इकाई खोलने से शुरू की जा सकती है। सामान्य जाति के व्यक्ति को बछड़ो की बछड़ा इकाई पर 12100 रुपये प्रति बछड़े के हिसाब से तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 5 बछड़ो की बछड़ा इकाई पर 16200 रुपये प्रति बछड़े के हिसाब से back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
3. डेयरी के साथ वर्मी कम्पोस्ट के लिए सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: डेयरी के साथ वर्मी कम्पोस्ट योजना की अधिकतम लागत 25000 रुपये तक निर्धारित की गयी है, तथा वर्मी कम्पोस्ट योजना डेयरी पशु इकाई के साथ ही खोलने हेतु आवेदन किया जा सकता है। केवल वर्मी कम्पोस्ट योजना हेतु आवेदन नहीं किया जा सकता है।
अगर आप डेयरी के साथ वर्मी कम्पोस्ट भी खोलना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 6300 रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 8400 रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
4. मिल्किंग मशीन तथा बल्क मिल्क कुलिंग यूनिट के लिए सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: मिल्किंग मशीन तथा बल्क मिल्क कुलिंग इकाई की अधिकतम लागत 20 लाख तक निर्धारित की गयी है, जिसके आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप मिल्किंग मशीन तथा बल्क मिल्क कुलिंग इकाई की योजना हेतु आवेदन करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 5 लाख रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 6.67 लाख रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
5. दुग्ध उत्पाद बनाने के लिए डेयरी प्रसंस्करण के उपकरण पर सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: दुग्ध उत्पाद बनाने के लिए डेयरी प्रसंस्करण के उपकरण खरीदने हेतु इकाई की अधिकतम लागत 13.20 लाख तक निर्धारित की गयी है, जिसके आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप दुग्ध उत्पाद बनाने के लिए डेयरी प्रसंस्करण के उपकरण खरीदने की योजना हेतु आवेदन करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 3.30 लाख रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 4.40 लाख रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
6. दुग्ध उत्पाद के कोल्ड चेन हेतु परिवहन सुविधाओं हेतु सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: दुग्ध उत्पाद के कोल्ड चेन हेतु परिवहन सुविधाओं हेतु इकाई की अधिकतम लागत 26.50 लाख तक निर्धारित की गयी है, जिसके आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप दुग्ध उत्पाद के कोल्ड चेन हेतु परिवहन सुविधाओं की योजना हेतु आवेदन करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 6.625 लाख रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 8.830 लाख रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
7. मिल्क कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: मिल्क कोल्ड स्टोरेज बनाने हेतु इकाई की अधिकतम लागत 26.50 लाख तक निर्धारित की गयी है, जिसके आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप मिल्क कोल्ड स्टोरेज बनाने हेतु इकाई की योजना हेतु आवेदन करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 8.25 लाख रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 11 लाख रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
7. प्राइवेट पशुचिकित्सा क्लिनिक खोलने हेतु सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: मोबाइल पशुचिकित्सा क्लिनिक के लिए इकाई की अधिकतम लागत 2.60 लाख तक निर्धारित की गयी है, स्थिर पशुचिकित्सा क्लिनिक के लिए इकाई की अधिकतम लागत 2 लाख तक निर्धारित की गयी है, जिसके आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप मोबाइल पशुचिकित्सा क्लिनिक के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 65000 रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 86600 रुपये की बैक back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
अगर आप स्थिर पशुचिकित्सा क्लिनिक के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 50000 रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 66600 रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
8. डेयरी मिल्किंग विपणन आउटलेट/ पार्लर खोलने हेतु सब्सिडी
सांकेतिक इकाई लागत: डेयरी मिल्किंग विपणन आउटलेट/ पार्लर खोलने हेतु इकाई की अधिकतम लागत 3 लाख तक निर्धारित की गयी है, जिसके आवेदन किया जा सकता है।
अगर आप डेयरी मिल्किंग विपणन आउटलेट/ पार्लर खोलने की योजना हेतु आवेदन करना चाहते हैं तो, डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य जाति के व्यक्ति को अधिकतम 75000 रुपये तथा SC ST कैटेगरी के व्यक्ति को 1 लाख रुपये की back ended capital सब्सिडी मिल सकती है।
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