कोविड-19 के पश्चात कृषि के दायरे (क्षेत्र) एवं परिदृश्य पर एक दिवसीय संगोष्ठी वेबीनार

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महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर में कोविड-19 के पश्चात कृषि के दायरे (क्षेत्र) एवं परिदृश्य पर एक दिवसीय संगोष्ठी वेबीनार पर 29 मई 2020 को आयोजित होने जा रही है। सेमिनार का आयोजन अनुसंधान निदेशालय,महारणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा कराया जा रहा है। सेमिनार में कोविड-19 के पश्चात कृषि के परिदृश्य पर चर्चा एवं विचार व्यक्त करने के लिए विश्व भर से वैज्ञानिक आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसमे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय कृषि संस्थानो, कृषि विभाग के लगभग 1000 वैज्ञानिक, विद्यार्थी व अधिकारी भाग लेंगे।

संगोष्ठी में राष्ट्र के कई विषय विशेषज्ञों को उनके उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया गया है संगोष्ठी की अध्यक्षता माननीय कुलपति डॉक्टर नरेंद्र सिंह राठौड़ करेंगे संगोष्ठी में डॉ अरविंद कुमार पदी, निदेशक देश संबंध एवं व्यापार संबंध, इकरीसेट कोविड-19 के कृषि पर प्रभाव पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत करेंगे दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टर एन रवि शंकर,परियोजना समन्वयक, भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम उच्च संसाधन उपयोग दक्षता के लिए विविध प्रकार की कृषि पर अपना उद्बोधन वैज्ञानिकों को देंगे। संगोष्ठी में नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के मैनेजर डॉ शैलेंद्र सिंह चौहान प्स्भि श्रेणियों के किसानों के लिए फार्मर प्रोडूसर कंपनी (FPO) उपयोग की महत्वता पर अपनी जानकारी देंगे जिससे किसान समूह बनाकर आसानी से उत्पादन एवं विपणन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

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केंद्रीय कृषि एवं अभियांत्रिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सी. आर. मेहता कृषि में ऑटोमेशन पर अपना उद्बोधन देंगे अनुसंधान निदेशक डॉ. अभय कुमार मेहता कृषि में नए संभावित क्षेत्र पर जानकारी व उद्बोधन प्रस्तुत करेंगे। संगोष्ठी में एक चर्चा परिचर्चा सत्र भी रखा गया है इसमें सभी वैज्ञानिक आपस में चर्चा करेंगे । अंत में मुख्य अतिथि व मुख्य विशेषज्ञ माननीय कुलपति नरेंद्र सिंह राठौड़ सभी सत्रो पर अपनी राय व टिप्पणी देंगे।

आयोजन सचिव डॉ. एस. के. शर्मा ने बताया की हमारा अस्तित्व कृषि पर निर्भर करता है। कोविड-19 की महामारी से विश्व के सभी घटक प्रभावित हुए हैं इसमें कृषि भी निहित है अतः इस समस्या के पश्चात कुपोषण व भुखमरी की समस्या सर उठा सकती है क्योंकि कोविड-19 के दौरान कृषि क्रियाएं बहुत ही बाधित हुई है इसके कारण वांछित कृषि उत्पादो के उत्पादन में कमी या गिरावट देखी जा सकती है इसलिए विश्व की जनसंख्या को संपूर्ण पोषण प्रदान करने के लिए कृषि को अपनी संभावनाओं से बढ़कर परिणाम देने की आवश्यकता है इसलिए यह कार्य किस प्रकार किया जा सकता है और किस प्रकार इसमें सफलता प्राप्त की जा सकती है इसके लिए विचार-विमर्श एवं अनुसंधान को एक नयी दिशा प्रदान करने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विश्व भर के वैज्ञानिकों के विचार-सुझाव पर विमर्श करके कृषि के तकनीकी दिशा निर्देश निर्धारित किए जाएंगे जिससे कि आने वाले समय में सफलतापूर्वक कृषि आयोजित कर सकें। कृषि के साथ-साथ पशुपालन मुर्गी पालन आदि क्षेत्रों में लॉक डाउन के दौरान उत्पादन में कमी गुणवत्ता में कमी मांग में कमी को ध्यान में रखते हुए नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। कोविड-19 के पश्चात किसानों की कार्यप्रणाली व कार्यशैली में भरपूर परिवर्तन होने वाले हैं उन परिवर्तनों को देखते हुए नए उपकरण, नए यंत्रीकरण नए कीट व्याधि नियंत्रण के तरीकों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।

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