उच्च गुणवत्ता वाले गौ-भैंस वंशीय पशुओं की होगी वृद्धि

4.6
(21)

मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा कि प्रदेश में गौ-भैंस वंशीय पशुओं की नस्ल सुधार एवं गुणवत्तायुक्त दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास प्रारंभ किये गये हैं। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत एक अगस्त 2020 से 31 मई 2021 तक कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जाएगा। इससे प्रदेश में अच्छी नस्ल के पालतू पशुओं की संख्या में वृद्धि होगी और पशुपालकों की आय भी बढ़ेगी।

मंत्री श्री पटेल ने बताया कि कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिये प्रभावी रणनीति तैयार कर विभागीय अधिकारियों को सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिये हैं। कार्यक्रम में प्रत्येक जिले के चयनित 500 गाँव में से प्रत्येक गाँव में 100 गौ-भैस वंशीय पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया जायेगा। इससे 50 हजार उच्च नस्ल वाले दुधारू पशुओं की प्राप्ति होगी। इस महत्वाकांक्षी नस्ल सुधार कार्यक्रम से आगे आने वाली पीढ़ियों को भी उच्च गुणवत्ता के दुधारू पशु मिल सकेंगे। यू.आई.डी. टैग लगाकर और पशु का पंजीयन कर जानकारी सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जायेगी। कृत्रिम गर्भाधान से गर्भधारण सुनिश्चित करने के लिये मार्गदर्शिका और डॉयरेक्टरी केन्द्रीय वीर्य संस्थान तथा राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध है। श्री पटेल ने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता को प्रति कृत्रिम गर्भाधान के लिये 50 रुपये और प्रति वत्स उत्पादन प्रोत्साहन राशि के रूप में 100 रुपये दिये जायेंगे।पशुपालन मंत्री श्री पटेल ने पशुपालकों से कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की है।

और देखें :  निदेशक, पशुपालन विभाग उत्तराखंड ने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया

यह लेख कितना उपयोगी था?

और देखें :  योजनाओं का अधिकतम लाभ गरीबों और किसानों को दें- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.6 ⭐ (21 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

और देखें :  "टाइगर स्टेट" बनने के साथ सिंहों के स्वागत को भी तैयार मध्यप्रदेश

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*