एग्रीकल्चरल एजुकेशन डे के रूप में मनाया गया डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म दिवस

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भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चरल एजुकेशन डे के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में कैरियर की संभावनाएं विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमे केंद्रीय विद्यालय, बेली रोड, पाटलिपुत्रा सेंट्रल स्कूल, माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल, भागलपुर और विद्या भारती स्कूल, राजगीर के लगभग सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

वेबिनार में छात्रों को कृषि एवं कृषि संबंधित क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर के बारे में जानकारियाँ दी गयी। छात्रों को कृषि और बाग़वानी, कृषि विपणन और सहयोग, कृषि अभियांत्रिकी, मत्स्य पालन और संबंधित क्षेत्र, पशु चिकित्सा विज्ञान, डेयरी और खाद्य प्रोद्योगिकी क्षेत्रों की पढाई, रोज़गार के अवसर, सैलरी स्ट्रक्चर, किन पदों पर कार्य कर सकते है, और बेहतर संभावनाओं के बारे में विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा बताया गया। एक्सपर्ट के तौर पर डॉ. पुरुषोत्तम कौशिक, डॉ. अंजय और डॉ. सविता मौजूद थी।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने स्कूली छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की कृषि भारत का सबसे बड़ा क्षेत्र है यदि हम इस क्षेत्र में शामिल लोगों की संख्या पर विचार करते हैं, तो भारत की कुल जनसंख्या का 58 प्रतिशत से अधिक लोग सीधे कृषि पर निर्भर हैं जो पशुपालन, बाग़वानी, खाद्य उत्पादन-संबंधी सभी गतिविधियों को शामिल करता है। इसलिए यह एक बहुत बड़ा क्षेत्र बन जाता है जिसमें सभी संबद्ध उद्योग शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा की  हम सभी और हमारे जानवरों के लिए भोजन प्राथमिक आवश्यकता है। एक समय था जब हमारा देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं था, खासकर आजादी के बाद का समय, हमने भोजन की कमी का सामना किया। और यह कृषि अनुसंधान का परिणाम है कि हम नए शोध और पद्धति से खुद को इस क्षेत्र में मजबूत कर पाए हैं। आत्मनिर्भरता के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए गए थे, न केवल आत्मनिर्भरता, बल्कि आज हम विश्व में अपने उत्पाद का निर्यात भी करते है। उन्होंने कहा की इस क्षेत्र में संभावनाओं की कमी बिलकुल भी नहीं है, आप इस क्षेत्र से जुड़कर बेसिक और एप्लाइड रिसर्च में योगदान कर सकते है, आपके रिसर्च से पूरा जगत लाभान्वित होगा। इस अवसर पर निदेशक आवासीय शिक्षा-सह-डीन स्नातकोत्तर शिक्षा डॉ. वीर सिंह, डीन बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. जे.के. प्रसाद और निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमन कुमार त्रिवेदी ने भी कृषि और इनसे जुड़े क्षेत्रों में संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

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