नाबार्ड प्रबंधकों ने देशी गौवंश उत्पाद व प्रसंस्करण तथा पोल्ट्री फार्मिंग से ग्राम विकास की संभावनाओं को तलाशा

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राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, नाबार्ड के 25 जिला प्रबंधकों ने दूसरे दिन वेटरनरी विश्वविद्यालय में डेयरी प्लांट, पोल्ट्री फाॅर्म और क्लिनिक्ल कार्यों का अवलोकन करके राज्य के ग्रामीण विकास में देशी गौवंश उत्पाद, प्रसंस्करण व पोल्ट्री फार्मिंग से सुद्दढीकरण की संभावनाओं को तलाशा। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया की नाबार्ड के महाप्रबंधक टी. वैंकट कृष्ण और कुलदीप सिंह तथा उपमहाप्रबंधक इन्दू राठौरिया के नेतृृत्व में शनिवार को पशुधन अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर में राठी गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन कार्यों और दुग्ध उत्पादन, मूल्य संवर्द्धन व विपणन कार्यों का मौके पर जायजा लिया। विश्वविद्यालय के सामाजिक विकास एवं सहभागिता प्रकोष्ठ द्वारा पशुपालन और ग्रामिण विकास विषय पर आयोजित दो दिवसीय परिचर्चा में दूसरे दिन डाॅ. विजय बिश्नोई ने राठी गौवंश की विशेषताओं और उपयोगिता की जानकारी दी। डाॅ. मोहन लाल गोदारा ने प्रबंधकों को दुग्ध दोहन, चिलिंग प्लांट और छाछ, दही, पनीर व घी के उत्पादन संयंत्र और विपणन की व्यवस्थाओं की जानकारी दी।

नाबार्ड प्रबंधकों ने देशी गौवंश उत्पाद व प्रसंस्करण तथा पोल्ट्री फार्मिंग से ग्राम विकास की संभावनाओं को तलाशा

नाबार्ड प्रबंधकों ने वेटरनरी विश्वविद्यालय के टीचिंग वेटरनरी क्लिनिक्ल काॅम्प्लेक्स में पशुओं की उच्च कोटि की शल्य क्रिया और अत्याधुनिक औषधीय उपचार सेवाओं को भी देखा। वेटरनरी सर्जरी और रेडियोलाॅजी विभाग के प्रमुख डाॅ. प्रवीण बिश्नोई ने छोटे व बडे़ पशु शल्य चिकित्सा कक्षों, वातानुकूलित पशु वार्ड, क्रिटिकल केयर यूनिट, पशुचिकित्सा स्पेशलिटी में सीटी स्केन, सोनोग्राफी, लेप्रोस्काॅपी, लेजर सर्जरी, नेत्र, दंत और ओर्थोपेडिक की अत्याधुनिक उपचार सेवाओं की जानकारी दी। पोल्ट्री फाॅर्म के प्रभारी डाॅ. अरूण झीरवाल ने कुक्कुटशाला में जैविक मुर्गी पालन सहित बतख, खरगोश, जापानी बटेर, टर्की पालन की उपयोगिता और प्रशिक्षण कार्यों से अवगत करवाया। दल के सदस्य एमू व उसके अंडों का विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए अलंकृत स्वरूप को देखकर अचंभित हो गए।

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नाबार्ड प्रबंधकों ने देशी गौवंश उत्पाद व प्रसंस्करण तथा पोल्ट्री फार्मिंग से ग्राम विकास की संभावनाओं को तलाशा

प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने महाप्रबंधकों का बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा डेयरी व पोल्ट्री से सम्बद्ध स्वरोजगार कार्यक्रमों के प्रशिक्षण नियमित तौर पर आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने राज्य के 15 पशु विज्ञान केन्द्रों पर दी जा रही पशुपालन सेवाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए जिला स्तर पर नाबार्ड की सहभागिता पर भी चर्चा की। नाबार्ड के महाप्रबंधकों ने वेटरनरी विश्वविद्यालय में पशुपालन और ग्रामीण विकास पर दो दिवसीय बैठक व भ्रमण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए सहयोग व समन्वयक को जरूरी माना। श्री रमेश ताम्बिया जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड, बीकानेर ने आभार व्यक्त किया।

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वेटरनरी महाविद्यालय में संक्रामक रोगों पर संगोष्ठी सम्पन्न

बीकानेर, 13 फरवरी। वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर के एपेक्स सेन्टर में 133 पशुपालकों की पशुओं में गंभीर संक्रामक रोगों पर एक दिवसीय आॅनलाइन संगोष्ठी का शुक्रवार को आयोजन किया गया। एपेक्स सेंटर के प्रभारी-अधिकारी डॉ. जे.पी. कछावा ने खुरपका-मुंहपका एवं गलघोंटू रोग का कारण, फैलने का तरीका, रोग की पहचान और बचाव के उपाय विस्तार से बताए। एपेक्स सेंटर के टीचिंग एसोसिएट डॉ. लोकेश्वर सिंह ने रेबीज रोग के फैलाव, उसके लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दी।

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