पशु चिकित्सा विज्ञान में आयुर्वेद तथा इससे संबंधित विषयों को लागू करने के लिए 7 अप्रैल, 2021 को मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्रालय के पशुपालन तथा डेयरी विभाग और आयुष मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत पशु चिकित्सा विज्ञान में औषधीय पौधों के माध्यम से गुणवत्ता संपन्न दवा के नए फॉर्मूलेशनों पर शोध सहित अनुसंधान तथा विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस सहयोग से पशु स्वास्थ लाभ, पशुपालक समुदाय तथा समाज के लाभ के लिए पशु चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद के उपयोग के इस्तेमाल के लिए नियामक व्यवस्था विकसित करने में मदद मिलेगी। इस सहयोग से प्रशिक्षण के माध्यम से संबंधित क्षेत्रों में क्षमता सृजन होगा, सतत आधार पर हर्बल दवाइयों के लिए बाजार तलाशने में मदद मिलेगी और कृषि, तथा औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए सेवाएं मिलेंगी। इस सहयोग से हर्बल पशु चिकिस्ता शिक्षा कार्यक्रम विकसित में मदद मिलेग और डेयरी किसानों तथा अनाज उत्पादक किसानों में हर्बल औषधि के उपयोग तथा जड़ी-बूटी कृषि के बारे में जागरुकता आएगी।
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