विश्व पशु चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, और रिलायंस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में “पशु स्वास्थ्य चिकित्सा एवं चारा प्रबंधन” विषय पर पटना जिला के 40 पशुपालक किसानों को मल्टी-लोकेशन ऑडियो कांफ्रेंस के माध्यम से परामर्श दिया गया। किसानों एवं पशुपालकों के प्रश्नों का उत्तर बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक-सह-वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार, प्रसार शिक्षा विभाग, द्वारा दिया गया।
जैसा की विदित हो की आज पूरा विश्व कोविड -19 जैसी महामारी की परिस्थिति से जूझ रहा है, इस विषम परिस्थिति में भी बिहार वेटनरी कॉलेज का इमरजेंसी विभाग कार्यरत है एवं विशेष परेशानी होने पर किसान बंधुओं को दुरभाष के माध्यम से मदद किया जा रहा है। वर्त्तमान में हो रहे जलवायु परिवर्तनों से पशुओं का उचित रखरखाव के प्रति भी कुछ सावधानी बरते जाने की आवश्यकता है ताकि उन्हें समसामयिक बीमारियों जैसे तापक्रम में परिवर्तन, पाचन दुष्प्रभाव, वायरल बुखार, दुग्ध उत्पादन में कमी, पशु का खाना छोड़ देना, नया भूसा खिलाने से हो रही दस्त की समस्या, निमोनिया, सर्दी की आम समस्या से बचाव के तरीके बताये गए. विशेषज्ञ ने नियमित रूप से टीका लगवाने और कृमिनाशक दवाइयों का उपयोग पर विशेष बल दिया। ज्यादातर प्रश्न लू लगने, मेटाबोलिज्म डिसोर्डर जैसे डायरिया, मुँहपका –खुरहा विषाणु जनित रोगों के संक्रमण से बचने हेतु, दूध उत्पादन बढ़ाने से सम्बंधित, गर्मी के मौसम में हरा चारे कि कमी इत्यादि आवश्यक तैयारियां एवं सावधानिया बरते जाने को लेकर पशुपालक किसानो ने सवाल पूछे एवं परामर्श प्राप्त किये। डॉ पंकज ने सभी किसानो से आग्रह किया कि पशुओं को नए गेहूं के भूंसा को न खिलने का प्रयास करें अथवा उसे अच्छे से पानी में भिंगो कर खिलाएं एवं दुधारू पशुओं के अधिक से अधिक पानी पिलाने का सुझाव दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे रिलायंस फाउंडेशन के रॉबिन रवि ने बताया कि पशुपालक किसान भाई रिलायंस फाउंडेशन के टोल-फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1800-419-8800 पर सुबह 9:30 बजे से शाम के 7:30 के बीच कभी भी संपर्क करके मुफ्त वैज्ञानिक परामर्श घर बैठे प्राप्त कर सकते है।
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