मस्से या गठलिया या पैपिलोमा रोग
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले मस्से या गठलिया या पैपिलोमा रोग और उससे बचाव

यह पशु की त्वचा के ऊपर पाई जाने वाली सरल रसोलियाँ होती है। यह पशुओें के शरीर के ऊपर धीरे-धीरे बढ़ने लगती है तथा बाद में पकने लगती है। रोग का कारण यह रोग पैपोवायरस के कारण होता है। यह विषाणु पशुओं >>>

पशुपालन समाचार

हर साल 500 मेरीनो भेड़ लेने के लिये केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड सरकार का सहयोग करेगी

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन श्री गिरीराज सिंह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत कालसी >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में चर्म रोग: कारण एवं निवारण

पशुओं में त्वचा की ऊपरी डरमिस, व एपिडर्मिस की परतों में सूजन का आ जाना चर्म रोग अर्थात डर्मेटाइटिस कहलाता है। यह किसी संक्रमण के कारण भी हो सकता है और उसके बिना भी हो सकता है। कारण जीवाणु जनित >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं के पाचन संबंधी विकार: कारण एवं निवारण

पशुओं में रहन सहन खानपान एवं रखरखाव में अचानक परिवर्तन या लापरवाही से उत्पन्न विकारों को प्राथमिक रोग या सामान्य रोगों की श्रेणी में रखा जाता है। पशुओं के पाचन संबंधी प्रमुख विकार निम्न है: अपच >>>

पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-२
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 विषाणु का संक्रमण: जानकारी एवं बचाव

सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस-2 (सार्स कोरोना वायरस-2), संभवतः स्तनधारी प्राणी के माध्यम से प्रारंभिक उत्पति के बाद, वर्तमान में मानव-से-मानव में तीब्र गति से संचरित हो रहा है एवं >>>

पशुओं की बीमारियाँ

खुरपका मुंहपका रोग: पशुओं का संक्रामक रोग

खुरपका मुंहपका रोग खुर वाले पशुओं विशेषकर गाय-भैंस, भेड़, बकरी ऊंट व सूकर में पाया जाने वाला छुआछूत का रोग है इसे एपथस फीवर भी कहते हैं। यह बीमारी हमारे देश में हर स्थान में व्याप्त है। इस बीमारी >>>

पशुओं में होनें वाले न्यूमोनिया रोग
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले न्यूमोनिया रोग और उससे बचाव

न्यूमोनिया फेफड़ों का शोध होता है जिसमें श्वास गति बढ़ जाती है, सांस लेने में कठिनाई होती है, पशु लम्बी सांस लेता है तथा खांसी आती है। इसका प्रकोप या ता धीरे-धीरे होकर कुछ ही खंडों को प्रभावित करता >>>

पोल्ट्री में माइकोटॉक्सिकोसिस
कुक्कुट पालन

पोल्ट्री में माइकोटॉक्सिकोसिस

माइकोटॉक्सिकोसिस एक कवक द्वारा उत्पादित प्राकृतिक विष के कारण होने वाली बीमारी है। यह आमतौर पर तब होता है जब विष पैदा करने वाले कवक अनाज में उगते हैं और मुर्गियों को खिलाते हैं। अब तक सैकड़ों >>>

पशुओं में कीटनाशकों की विषाक्तता का दुष्प्रभाव एवं उसका निराकरण
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में कीटनाशकों की विषाक्तता का दुष्प्रभाव एवं उसका निराकरण

रासायनिक पदार्थों का मानकता के अनुरूप सही रूप में, प्रयोग नहीं करने पर मनुष्य और पशुओं, के शरीर में पहुंचकर घातक प्रभाव प्रकट करते हैं जिसके फलस्वरूप पशु की >>>

पशुपालन समाचार

केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने तैयार की प्रेग्नेंसी जांच किट

केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआइआरबी) के वैज्ञानिको ने एक और बड़ी खोज की है। वैज्ञानिको ने तीन साल में तैयार की पशु में प्रेग्नेंसी जाँच किट, जिससे मात्र 10 रुपये में हो सकेगी पशुओं में गर्भ की >>>

पशुओं की बीमारियाँ

वेटरनरी होम्योपैथी का पशु चिकित्सा मैं विशिष्ट योगदान

ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक अपने पशुओं के उपचार के लिए एलोपैथिक औषधियों एवं आयुर्वेदिक घरेलू उपचार पर निर्भर रहते हैं। वर्तमान में लोकप्रिय होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक जर्मनी के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. हैनीमैन थे >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले संक्रामक रोगों से बचाव

पशुओं में संक्रामक रोगों से बचाव हेतु  निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए: प्रथक्करण- संक्रामक रोग का संदेह होते ही रोगी पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग कर देना चाहिए। रोगी पशु को एक अलग जगह बाँध कर उसे स्वस्थ पशुओं के साथ ना ही बाँधना चाहिए और ना ही उनके साथ बाहर घूमने देना चाहिए। >>>

दुधारू पशुओं में इस्ट्रस सिंक्रोनाइजेशन
पशुपालन

दुधारू पशुओं में इस्ट्रस सिंक्रोनाइजेशन की उपयोगिता एवं विधियां

एक साथ बहुत सारे पशुओं को हार्मोन के टीके लगा कर गर्मी में लाने की विधि को इस्ट्रस सिंक्रोनाइजेशन कहते हैं। इस विधि से श्रम और समय में कमी आती है तथा गायों भैंसों को योजनाबद्ध तरीके से कृत्रिम गर्भ >>>

पशुपालन समाचार

डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों की आजीविका का स्रोत– श्री गिरिराज सिंह

विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हर साल पहली जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया >>>