पशुधन से समृद्धि
हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ खेती तथा पशुपालन का अटूट रिश्ता है। देश के किसानों के लिए कृषि के साथ साथ पशुपालन अत्यधिक महत्वपूर्ण व्यवसाय है जिससे वे एक अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। >>>
हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ खेती तथा पशुपालन का अटूट रिश्ता है। देश के किसानों के लिए कृषि के साथ साथ पशुपालन अत्यधिक महत्वपूर्ण व्यवसाय है जिससे वे एक अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। >>>
किसानों और पशुपालकों पर राज्य और देश की विकास निर्भर है, यह वर्ग जितना परिश्रम करेंगे हमारा देश उतना ही उन्नत होगा। साथ ही पशुपालन का हमारे देश में बहुत बड़ा योगदान है >>>
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के सोसाइटी फॉर फार्म एंड कंपेनियन एनिमल (एस.पी.एफ.सीए) का “फोस्टरिंग वन हेल्थ फॉर फ़ूड सेफ्टी एंड सिक्यूरिटी थ्रू सस्टेनेबल एनिमल हसबेंडरी एंड एक्वाकल्चर प्रैक्टिस” विषयक दो दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन >>>
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान में पहली बार बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी के पास आउट छात्रों के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। >>>
वे रोग जो बैक्टीरिया, वाइरस तथा प्रोटोजोआ द्वारा फैलते हैं, संक्रामक रोग कहलाते हैं। छूत से फैलने वाले सभी रोग संक्रामक रोग होते है। प्रमुख संक्रामक रोग निम्न है: खुरपका मुंहपका रोग- यह एक >>>
लंपी स्किन रोग गायों और भैंसों का एक वेक्टर-जनित चेचक रोग है और त्वचा पर गांठों की उपस्थिति लंपी स्किन रोग की विशेषता है। यह रोग कई भारतीय राज्यों जैसे राजस्थान, असम, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल, >>>
प्रदेश में घोड़े और खच्चरों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, स्थिति यह है की अब राज्य में मात्र बत्तीस हज़ार घोड़े और खच्चर ही बचे है। अगर इसके संरक्षण और संवर्धन के प्रति गंभीरता से कदम नहीं उठाया गया तो यह प्रजाति प्रदेश से विलुप्त हो जाएगी। >>>
सामान्यतः गाभिन पशुओं में ब्याने के 3-6 घंटे के अंदर जेर स्वतः बाहर निकल आती है, परन्तु यदि ब्याने के 8-12 घंटे के बाद भी जेर नहीं निकला तो उस स्थिति को जेर के रुकने की स्थिति कहा जाता है। जेर की रुकने की समस्या का डेयरी पशु के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। >>>
जलवायु परिवर्तन विशेष रूप से ग्लोबल वार्मिंग, पशुओ की उत्पादक क्षमता को प्रभावित करता है। गर्मी से होने वाले तनाव (हीट स्ट्रेस) को कम करने के लिए पशु अपनी उपापचय क्रिया को बदलते हुए, खाने का सेवन कम कर देते हैं, जिससे पशुओ का वजन कम होने लगता है। >>>
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया गया, 14 अगस्त तक चलने वाले इस व्याख्यान श्रृंखला में कई प्रख्यात व्यक्तित्व अपना व्याख्यान पेश करेंगे। >>>
पारम्परिक रूप से पशु पालन में डेयरी व्यवसाय कृषि की द्वितीयक स्वरूप के परे एक संगठित उद्योग के स्वरूप को प्राप्त है। आज किसान दुग्ध व्यवसाय को व्यापार व आर्थिक उन्नति का आधार बनाया है। इस कारण से आज >>>
बर्ड फ्लू का वायरस पूरी दुनिया में पोल्ट्री व्यवसाय के लिए गले की हड्डी बन गया है, क्योंकि यह ना दिखने वाली बीमारी से लेकर ऐसे घातक लक्षण दिखाने वाली बीमारी करता है जिसमें 100% मृत्यु >>>
संतुलित राशनर: दिन के चौबीस घंटे की जानवर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त फ़ीड को, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, संतुलित राशन कहा जाता है। जानवरों की पोषक आवश्यकताएं न केवल >>>
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान में विश्व बैंक पोषित डेयरी प्रबंधन और दूध से मूल्यवर्धन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार कोशी बेसिन विकास परियोजना और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। >>>