पशुपालन

डेयरी पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान: इतिहास, फायदे एवं सीमाएं

पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान एक ऐसी कला या विधि है जिसमें साँड से वीर्य लेकर उसको विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से संचित किया जाता है। यह संचित किया हुआ वीर्य तरल नाइट्रोजन में कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

गाय-भैंसों में बाँझपन की समस्या एवं समाधान

आज बढ़ते हुये डेयरी व्यवसाय के कारण फिर से श्वेत क्रान्ति का दौर आ रहा है, परंतु हमारे देश के पशुयों की उत्पादन तथा पुनरोत्पादन क्षमता सामान्य से कम पाई गयी है। >>>

पशुपालन

गाय एवं भैंस में ऋतु चक्र/ मदकाल के लक्षणों, की समुचित जानकारी द्वारा सफल गर्भाधान

डेरी व्यवसाय में सफल प्रजनन व्यवस्था का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। पशुशाला में उपस्थित वयस्क पशुओं में से अधिकाधिक संख्या  समयानुसार गर्भित होकर सामान्य एवं , स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है तभी दुग्ध उत्पादन का क्रम निरंतर चल सकता है तथा पशुपालक डेयरी व्यवसाय से नियमित आमदनी प्राप्त कर सकता है। >>>

पशुपालन

पशुओं में उत्पादन वृद्धि के लिए कृत्रिम गर्भाधान

नर प्रजनन कोशिका (शुक्राणु) को कृत्रिम तरीके से मादा पशु के जननांगो मे प्रत्यारोपित करना कृत्रिम गर्भाधान कहलाता है। >>>

भेड़ बकरी पालन

बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान: अति लाभकारी तकनीक

हालांकि कृत्रिम गर्भाधान तकनीक का उपयोग गाय तथा भैंस प्रजाति में व्यापक रूप से किया जा रहा है परन्तु बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान का प्रचलन अभी तक कुछ सरकारी >>>

पशुपालन समाचार

केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने किया राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का शुभारम्भ

केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने मुजफ्फरनगर में “राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम” (NAIP) के >>>

डेरी पालन

Artificial Insemination (AI) कृत्रिम गर्भाधान के लाभ

Artificial Insemination (AI) ‘कृत्रिम गर्भाधान’ का तात्पर्य मादा पशु को स्वाभाविक रूप से गर्भित करने के स्थान पर कृत्रिम विधि से गर्भित कराया जाना है। स्वच्छ और सुरक्षित रूप से कृत्रिम विधि से एकत्र >>>