पशुओं की बीमारियाँ

पशु प्रजनन को प्रभावित करने वाले संक्रामक रोग

पशुओं के प्रजनन को प्रभावित करने वाले मुख्य संक्रामक कारण जीवाणु विषाणु प्रोटोजोआ एवं कवक जनित हो सकते हैं। जीवाणु जनित कारण निम्नांकित हो सकते हैं: ब्रूसेलोसिस अर्थात संक्रामक गर्भपात कैंपाइल >>>

पशुओं की बीमारियाँ

वन हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत पशुजन्य (Zoonotic) रोगों के नियंत्रण में पशु चिकित्साविदो का योगदान

पशुजन्य रोग अथवा Zoonosis ऐसे संक्रामक रोग हैं जो विभिन्न प्रजातियों जैसे : पशुओं से मनुष्यों में अथवा मनुष्यों से पशुओं तक संचारित होते हैं I अन्य शब्दों में कहें तो रोगों के विभिन्न कारक जो >>>

पशुओं की बीमारियाँ

दुधारू पशुओं के प्रमुख रोग व उनका उपचार

दुधारू पशुओं में अनेक कारणों से बहुत सी बीमारियाँ होती है। सूक्ष्म विषाणु, जीवाणु, फफूंदी, अंत: व ब्रह्मा परजीवी, प्रोटोजोआ, कुपोषण तथा शरीर के अंदर की चयापचय (मेटाबोलिज्म) क्रिया में विकार आदि प्रमुख कारणों में है >>>

पशुओं की बीमारियाँ

जीवाणु व विषाणु जनित शूकर के जूनोटिक रोग

शूकर पालन भारत के ग्रामीण क्षेत्रो में किया जाने वाला व्यवसाय है। शूकर पालन विशेषतया जनजातीय समूहों के द्वारा किया जाता है। यह निर्धन तबके के लिए भोजन व आय का प्रमुख साधन है। जूनोटिक रोग वो रोग होते >>>

पब्लिक हेल्थ

प्राणीरूजा रोग: स्वस्थ भविष्य के लिए आवश्यक है जागरूकता

सार प्राणीरूजा रोग ऐसे रोग और संक्रमण जो कशेरूकी पशुओं (पालतू एवं वन्य जीवों) और मनुष्यों के बीच संचरित होते हैं और समय-समय पर मनुष्यों बहुत बड़े पैमाने पर संक्रमण और मृत्यु का कारक बनते हैं। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले संक्रामक रोगों से बचाव

पशुओं में संक्रामक रोगों से बचाव हेतु  निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए: प्रथक्करण- संक्रामक रोग का संदेह होते ही रोगी पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग कर देना चाहिए। रोगी पशु को एक अलग जगह बाँध कर उसे स्वस्थ पशुओं के साथ ना ही बाँधना चाहिए और ना ही उनके साथ बाहर घूमने देना चाहिए। >>>

पशुओं के संक्रामक रोग लक्षण एवं रोकथाम
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं के संक्रामक रोग लक्षण एवं रोकथाम

संक्रामक रोग सभी पशु और पक्षियों में फैलते हैं और इसका प्रभाव यह होता है की पशुपालक अपनी आर्थिक छति से उबर नहीं पाता है अतः बचाव ही मात्र एक समाधान है। कहा जाता है की बीमारी की रोकथाम उपचार से बेहतर है >>>

पशुओं में गर्भपात के प्रमुख कारण एवं निवारण
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में गर्भपात के प्रमुख कारण एवं निवारण

पशुओं में गर्भपात की समस्या पशुपालकों की अर्थव्यवस्था पर बहुआयामी नकारात्मक प्रभाव डालती है जैसे- भविष्य की पीढ़ी की हानि, 2 बच्चों के जन्म के मध्य अधिक समय >>>

पशुओं की बीमारियाँ

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खुरपका मुंहपका रोग नियंत्रण के क्रियान्वयन में कमियां एवं उनका निराकरण

खुरपका मुंहपका रोग अर्थात एफएमडी और संक्रामक गर्भपात अर्थात ब्रूसेलोसिस जैसी पशुओं की अति खतरनाक बीमारियों का समूल उन्मूलन करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का प्रारंभ भारत सरकार द्वारा किया गया है। >>>

पशुओं में संक्रामक रोग
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में संक्रामक रोग: कारण, लक्षण एवं बचाव

कृषि प्रधान भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था में पशुधन व्यवसाय का महत्वपूर्ण योगदान है। यह नि:संदेह अधिकांश जनसंख्या के जीविकोपार्जन का साधन है। रोज़गार की कमी और कृषि योग्य भूमि की कमी की स्थिति में अधिकांश >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली पशुजन्य/ जूनोटिक बीमारियों से बचाव हेतु “जैव सुरक्षा उपाय”

एवियन इनफ्लुएंजा/ बर्ड फ्लू स्वाइन फ्लू एवं रेबीज इत्यादि विभिन्न ऐसे संक्रामक रोग है जो कि पशुओं से मनुष्यों में फैलते हैं इस प्रकार से पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले रोगों को पशु जन्य रोग या जूनोटिक रोग कहते हैं। >>>

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पशुओं में टीकाकरण भ्रान्तियाँ एवं आवश्यकता

‘ईलाज से परहेज अच्छा’, लोकोक्ति ये हम सभी भली–भांति परिचित हैं। हम सभी एक अन्य लोकोक्ति ‘अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियां चुग गई खेत’ से भी परिचित हैं। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में गर्भपातः कारण एवं निवारण

मृत अथवा 24 घंटे से कम समय तक जीवित भ्रूण का गर्भकाल पूर्ण होने के पूर्व गर्भाशय से बाहर निकलना गर्भपात कहलाता है। गर्भपात गर्भकाल के किसी भी समय विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है। यद्यपि भैंसों मे गर्भपात की औसत (2-3 प्रतिशत) गायों (4.72 प्रतिशत) की अपेक्षा कम पाई गयी है, पर यह भैंसों में प्रजननहीनता का एक प्रमुख कारण हो सकता है तथा पशुपालकों के आर्थिक पक्ष पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) का उद्देश्य, पशुपालकों की आमदनी दोगुना करना

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर 2019 को उत्तर प्रदेश के पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय  एवं गो-अनुसंधान संस्थान मथुरा में  राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का इस उद्देश्य के साथ शुभारंभ किया था, कि खुरपका मुंह पका रोग अर्थात एफएमडी और संक्रामक गर्भपात अर्थात ब्रूसेलोसिस जैसी पशुओं की अति खतरनाक बीमारियों का समूल उन्मूलन किया जा सके। >>>