पालतू पशुओं में नाइट्रेट एवं नाइट्राइट की विषाक्तताओं के कारण एवं निवारण

4.8
(66)

जब किसी स्वस्थ पशु की आकस्मिक मृत्यु होती है तो उसमें विषाक्तता का संदेह उत्पन्न होता है। यह विषाक्तता कोई जहरीला रसायन खाने से अथवा चारे के साथ जहरीले पौधे खाने से होता है। पशुपालकों को मुख्य विषाक्तताओं की जानकारी होना आवश्यक है ताकि वे अपने पशुओं का इनसे बचाव कर सके।

कुछ पौधों में नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती है ऐसा चारा खाने से पशुओं में विषाक्तता हो सकती है। यह विष,जाै, मक्का, शलगम, चुकंदर, गोभी एवं आलू के पत्तों में पाया जाता है। नाइट्रेट युक्त खाद्य पदार्थ खाने एवं पानी पीने से भी यह विषाक्तता होती है।

और देखें :  पशुओं में अफलाटॉक्सिकोसिस: कारण एवं निवारण

प्रभावित पशु

नाइट्रेट विषाक्तता से जुगाली करने वाले पशु जैसे गाय, भैंस, भेड़ एवं बकरी प्रभावित होते हैं जबकि नाइट्राइट विषाक्तता से सूअर, घोड़े, कुत्ते प्रभावित होते हैं।

विष के प्रभाव का प्रकार

  1. रोमनथिका के , परजीवी द्वारा नाइट्रेट पहले नाइट्राइट और बाद में अमोनिया में परिवर्तित होते हैं। अमोनिया के उपयोग से परजीवी प्रोटीन बनाते हैं परंतु नाइट्रेट की अधिक मात्रा खाने से अमोनिया रक्त में घुल जाती है एवं उससे विषाक्तता होती है।
  2. नाइट्रेट सीधे हीमोग्लोबिन से संलग्न होकर शरीर के ऊतकों को प्राण वायु से वंचित करता है जिससे उतको का ऊर्जा चपापचाय बाधित होता है, और दूसरा यह रक्त वाहिनियों की, दीवार की मांसपेशियों को शिथिल करके रक्त प्रवाह का अवरोध उत्पन्न करता है।

लक्षण

तीव्र विषाक्तता में सांस लेने में तकलीफ होना, पशु का हांफना,  पशु को कमजोरी होना, चलने में लड़खडाहट का होना, कपकपी एवं मृत्यु हो जाना इसके मुख्य लक्षण हैं। दीर्घकालीन विषाक्तता में गर्भित पशुओं में गर्भपात, बांझपन, मरे हुए बच्चे पैदा होना आदि लक्षण मिलते हैं।

और देखें :  कुक्कुटों की आहार व्यवस्था

शव परीक्षण

श्लेष्मल-आवरणो,का रंग नीला होना खून एवं अवयवों का रंग गहरा बादामी होता है । विभिन्न अंगों पर रक्त रिसने के निशान मिलते हैं।

पहचान करने हेतु चारा, रोमनथिका द्रव, खून एवं पानी का नमूना विष विज्ञान प्रयोगशाला को भेजकर जांच कराना चाहिए।

उपचार

उपचार के लिए तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। मिथाईलीन ब्लू दवा रक्त की नस द्वारा दी जाती है।

इस लेख में दी गयी जानकारी लेखक के सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सही, सटीक तथा सत्य है, परन्तु जानकारीयाँ विधि समय-काल परिस्थिति के अनुसार हर जगह भिन्न हो सकती है, तथा यह समय के साथ-साथ बदलती भी रहती है। यह जानकारी पेशेवर पशुचिकित्सक से रोग का निदान, उपचार, पर्चे, या औपचारिक और व्यक्तिगत सलाह के विकल्प के लिए नहीं है। यदि किसी भी पशु में किसी भी तरह की परेशानी या बीमारी के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों, तो पशु को तुरंत एक पेशेवर पशु चिकित्सक द्वारा देखा जाना चाहिए।
और देखें :  हरा अजोला दुधारू पशुओं के लिए एक वरदान

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.8 ⭐ (66 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Authors

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*