बकरी मांस और उसके उत्पाद

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आजीविका एवं खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतत पशुधन उत्पादन का होना आवश्यक होता है जोकि पशु उत्पादों के कुशल उपयोग पर निर्भर करता है। कमोडिटी बाजार से प्राप्त मार्जिन घटने से बकरी उत्पादकों को आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है और वे लगातार वैकल्पिक अवसरों की तलाश कर रहे हैं। इसके लिए बकरी के मांस से मूल्यवर्धित उत्पादों का बनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। बकरी मांस के प्रसंस्करण से किसानों को उचित लाभ मिलने के अलावा मांस की निरंतर मांग और उनके कुशल विपणन में योगदान हो सकता है। इस तरह के अतिरिक्त लाभ को विविधता, स्थिरता, बेहतर तकनीकी गुणों, बेहतर संवेदी गुणवत्ता या इससे भी अधिक सुविधा प्रदान करके प्राप्त किया जा सकता है।

 

२१वीं सदी में, खासकर विकासशील देशों में जहां भारी औद्योगीकरण और वैश्वीकरण ने प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि और जीवन स्तर में उन्नयन किया है, बकरी के मांस उत्पादों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है।  इससे अधिक सुविधाजनक उत्पादों की मांग में भी वृद्धि हुई है जोकि जनसंख्या वृद्धि से और बढ़ गई है। आजकल उपभोक्ता पारंपरिक उत्पादों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। बल्कि वे विविधता, पोषक तत्वों से युक्त और रेडी-टू-ईट पशु उत्पादों की तलाश करते रहते हैं। ये सुविधाजनक बकरी मांस उत्पाद, किफायती और लागत प्रभावी होते हैं और पारंपरिक उत्पादों की तुलना में बेहतर भण्डारण आयु और स्वीकार्यता के अलावा मेनू में बदलाव के विकल्प प्रदान करते हैं। सुविधा का अर्थ खरीदारी के लिए कम समय, तैयारी में आसानी, गति या उपभोग में आसानी, रेडी-टू-ईट या पोर्टेबिलिटी हो सकता है। उपभोक्ता अक्सर अपने पसंदीदा उत्पादों के सुविधाजनक संस्करणों के लिए अधिक कीमत चुकाने को भी तैयार रहते हैं। इस अध्याय में बकरी के मांस की विशेषताओं के साथ-साथ उनसे प्राप्त विभिन्न उत्पादों पर संक्षेप में चर्चा की गई है।

मांस की विशेषताएं

मांस प्रोटीन में पाचन क्षमता गुणांक लगभग 97% होता है। अक्सर-उद्धृत सामान्य वयस्क स्तनधारी मांसपेशियों की मानक संयोजन  में 75% पानी, 19% प्रोटीन, 2.5% लिपिड, 1.2% कार्बोहाइड्रेट और घुलनशील गैर-प्रोटीन, 1.6% नाइट्रोजन यौगिक, 0.65% खनिज और <0.1% विटामिन होता है। संयोजी ऊतक और अंतर-पेशी वसा की अधिक या कम मात्रा के कारण मांसपेशियों के बीच संयोजन में अंतर देखा गया है। उम्र के साथ भी संयोजन बदलाव मिलता है। वृद्ध और भारी जानवरों में अधिक अंतःपेशीय वसा की मात्रा के कारण अन्य पोषक तत्वों की सापेक्ष मात्रा कम हो जाती है। निम्न वसा युक्त मांस सामान्य विकास और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत होता है। रेड मीट में उच्च मायोग्लोबिन होता है जो उत्तम जैवउपलब्ध आयरन का स्रोत है। तीन बकरी नस्लों के मांस की अनुमानित संयोजन तालिका 1 में दी गई है।

तालिका 1: तीन भारतीय बकरी नस्लों के मांस की अनुमानित संयोजन

प्राचल बरबरी मारवारी जमुनापारी
नमी (%) 75.34 74.23 74.76
प्रोटीन (%) 19.34 19.21 20.01
वसा (%) 2.01 2.35 1.98

बकरी मांस का प्रसंस्करण

प्रसंस्करण किसी भी उपचार को संदर्भित करता है जो मांस की प्राकृतिक अवस्था में पर्याप्त भौतिक-रासायनिक परिवर्तन लाता है। इसमें खुदरा दुकानों और घरों में ताजे मांस की कटाई, पीसाई और पैकेजिंग शामिल नहीं है। मांस या बकरी के मांस के प्रसंस्करण के निम्नलिखित फायदे हैं:

  • मांस में विभिन्न सामग्री मिलाने से स्वाद और महक में सुधार होता है।
  • विशिष्ट प्रसंस्करण की स्थिति और सामग्री भण्डारण आयु में सुधार करती है।
  • प्रसंस्कृत उत्पाद संभालने और खाने में सुविधाजनक होते हैं।
  • प्रसंस्करण से पोषक मूल्य में सुधार होता है।
  • विशिष्ट आवश्यकताओं के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं।
  • प्रसंस्करण मांस के मूल्य में वृद्धि करता है।
  • प्रसंस्करण से मांस की मांग और विपणन क्षमता में सुधार होता है।
  • मांस प्रोटीन उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर उपलब्ध कराया जा सकता है।
  • प्रसंस्करण उद्योग रोजगार सृजित/प्रदान करता है।

बकरी मांस के प्रसंस्करण के लिए संभावनाएं

भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि और परिवर्तन देखा गया है, जो बाजारों, उपभोक्ता खंडों और विनियमों में बदलते रुझानों से प्रेरित है। ये रुझान, जैसे बदलती जनसांख्यिकी, बढ़ती आबादी और शहरीकरण, का भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है जो मूल्य संवर्धित उत्पादों की मांग को आकार देंगे, और साथ ही साथ भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी गति प्रदान करेंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भारत सरकार द्वारा प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में देखने से ऐसी नीतियों की उम्मीद है जो इस क्षेत्र में निवेश वृद्धि और अधिक एफडीआई आकर्षित कर सकें। प्राकृतिक संसाधनों के विशाल भण्डार और बढ़ते तकनीकी ज्ञान के आधार पर, भारत को इस क्षेत्र में अन्य देशों की तुलना में लाभ अर्जित है। भारत खाद्य प्रसंस्करण निवेश के लिए एक आकर्षक क्षेत्र है और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण विकास क्षमता प्रदान करता है।

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मूल्यसंवर्धित बकरी मांस उत्पाद

इमल्शन आधारित बकरी मांस उत्पाद

बकरी मांस सॉसेज

यह एक इमल्शन-आधारित मांस उत्पाद है जो विश्व स्तर पर और साथ ही भारतीय बाजारों में लोकप्रिय है। मांस इमल्शन, मांस और विभिन्न गैर-मांस सामग्री के क्रमिक मिश्रण और चोप्पिंग के द्वारा तैयार किया जाता है। इस प्रकार तैयार किया गया इमल्शन प्राकृतिक और कृत्रिम आवरणों में भरा जाता है। इसके बाद इमल्शन युक्त आवरण को यंत्रवत् या हाँथ से घुमाकर अथवा नियमित अंतराल पर बांधकर लिंक किया जाता है। अब लिंक किये हुए कच्चे सॉसेज को 75 से 80 डिग्री सेल्सियस पर पकाया जाता है। इसके बाद, सॉसेज को ठंडा कर पैक किया जाता है और रेफ्रिजरेटर में संग्रहीत किया जाता है।

मांस स्लाइस और नगेट्स

दोनों ही इमल्शन-आधारित मांस उत्पाद हैं जो आयताकार स्टेनलेस स्टील के बक्से में इमल्शन भरकर और वांछित आंतरिक तापमान (८० C) प्राप्त करने तक भाप से पका कर तैयार किए जाते हैं। इमल्शन को  मांस और गैर-मांस सामग्री के क्रमिक मिश्रण से तैयार किया जाता है। अब इसे स्टेनलेस स्टील के सांचों में भरकर 45 मिनट तक भाप में पकाया जाता है और फिर सांचों को ठंडा कर लिया जाता है। अब मांस ब्लॉक्स को निकाल कर रेफ्रिजरेट किया जाता है। मांस के स्लाइस बनाने के लिए, उन्हें वांछित आकार (1-1.5 सेमी मोटा) में काट दिया जाता है और भंडारण / बिक्री के लिए पॉलीथीन बैग में सील कर दिया जाता है। इन स्लाइसों को 2×1 सेमी3 क्यूब के टुकड़ों में काटकर मीट नगेट्स भी तैयार किए जा सकते हैं।

बकरी मांस पैटीज़

एक इमल्शन आधारित मांस उत्पाद जिसे गोल सांचे में 60-70 ग्राम इमल्शन  को आकार देकर ओवन में  180 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पकाया जाता है। यह बर्गर का एक प्रमुख घटक होता है। इसकी तैयारी के लिए, मोल्डेड मांस इमल्शन को तेल लगे कागज के साथ छिद्रित ट्रे पर रखा जाता है। इस पैटीज रखे हुए ट्रे को १८० डिग्री सेल्सियस तापमान पर १५ मिनट के लिए ओवन में रखा जाता है। अब पैटी को १५ मिनिट बाद उल्टा करके पलट देते  हैं। मांस पैटी को ओवन के अंदर तब तक छोड़ दिया जाता है जब तक आंतरिक तापमान लगभग 75-80 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंच जाये।

बकरी मांस सीक कबाब

यह एक इमल्शन या पिसा हुआ मांस उत्पाद है जिसे लोहे की छड़ के चारों ओर मांस इमल्शन को लपेट के तैयार किया जाता है और बाद में 160-180 डिग्री सेल्सियस पर रखे ओवन में ग्रिल किया जाता है। यह मांस उपभोक्ताओं द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। सीक कबाब बनाने के लिए सबसे पहले मांस इमल्शन को तैयार करें, फिर 30 ग्राम इमल्शन लेकर तेल लगे हुए लोहे की छड़ के चारों ओर लपेट दें। अब इस इमल्शन युक्त छड़ को ओवन के अंदर रखे जिसका तापमान लगभग १६० से १८० डिग्री सेल्सियस हो। इसके १०-१५ मिनट के बाद, ओवन से छड़ निकाल कर कबाब को अलग करने के लिए इसे घुमाया जाता है। इसके बाद कबाब युक्त छड़ को लगभग 10 मिनट के लिए ओवन के अंदर रखते हैं ताकि आंतरिक तापमान 80 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए और कबाब तैयार हो जाये।

बकरी मीट बॉल्स/कोफ्ता

यह भी एक इमल्शन-आधारित मांस उत्पाद है जो हथेली पर मांस के इमल्शन को गोल करके और 80 डिग्री सेल्सियस पर रखे गर्म वाटर बाथ में पकाकर तैयार किया जाता है। यह घरों में बनने वाले मीट कोफ्ते का मुख्य घटक है। 25 ग्राम मीट इमल्शन को गोल बॉल्स के रूप में आकार देकर मीटबॉल तैयार किए जाते हैं। कच्चे मीटबॉल को अब गर्म पानी में तब तक पकाया जाता है जब तक कि उसका आंतरिक तापमान 80 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंच जाता। अब पके हुये मीटबॉल से ग्रेवी के साथ कोफ्ता बनाया जा सकता है।

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बकरी मांस सॉसेज, पैटीज़, सीक कबाब, स्लाइस, नगेट्स और मीट बॉल्स /कोफ्ता

नॉन-इमल्शन आधारित मांस उत्पाद

बकरी मांस शामी कबाब

शामी कबाब एक लोकप्रिय पारंपरिक मांस उत्पाद है जिसकी भारत और अन्य देशों में फास्ट फूड उत्पाद के रूप में अच्छी गुंजाईश है। शामी कबाब की गुणवत्ता पर विभिन्न प्रकार के वसा के प्रभाव के अध्ययन से पता चला है कि कच्चे फॉर्मूलेशन में चिकन और बकरी वसा को मिलाकर अच्छी गुणवत्ता और स्वीकार्यता वाले बकरी मांस शामी कबाब तैयार किए जा सकते हैं। शामी कबाब में 25.0% प्रोटीन और 14.0% वसा होता है। बकरी के मांस से तैयार किये गये शामी कबाब में लगभग 77.81 प्रतिशत उपज प्राप्त होती है।

बकरी मांस समोसा

सब्जी-आधारित समोसा एक बहुत ही सामान्य स्वदेशी स्नैक फूड उत्पाद है और दुनिया भर में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। सब्जी विस्तारक के साथ बूढ़े बकरों के मांस से बने समोसा को प्रोटीन आधारित खाद्य उत्पाद के रूप में तैयार किया जा सकता है। इसे बनाने हेतु मांस कीमा, पके और मैश किए हुए आलू, चीनी, अमचूर, नमक, सूखे और हरे मसालों को मिलाकर मैदा द्वारा कवर करके तेल में तला जाता है। किसी अन्य मांस उत्पादों की तुलना में मांस समोसा पौष्टिक और किफायती होने के कारण इसका छोटे इलाकों, कस्बों, शहरों और रेस्तरां में एक लोकप्रिय नाश्ता के रूप में प्रयोग हो सकता है और यहां तक ​​​​कि गरीब मांसाहारी लोग भी इसे खरीद सकते हैं।

बकरी मांस कटलेट

पौष्टिक, स्वादिष्ट, हल्के मसालेदार और कम वसा वाले होने के कारण, इसे हॉस्टल, होटल और रेस्तरां में एक लोकप्रिय  स्नैक के रूप में परोसा जा सकता है। इसे तैयार करने के लिए  पके हुए मांस का कीमा, तले हुए हरे और सूखे मसालों के मिश्रण, मैदा, पके मैश किए हुए आलू और साइट्रिक एसिड को एक साथ मिश्रित किया जाता है। अब इसे गोल आकार में ढाला जाता है, पूरे अंडे के मिश्रण में डुबोने के बाद, सूखे ब्रेड क्रम्ब्स से पेटा जाता है और अंत में तला जाता है। मांस कटलेट बनाने में  शव के सस्ते भाग और बूढ़े बकरों के मांस का लाभप्रद रूप से उपयोग किया जा सकता है। मांस कटलेट के लिए कम प्रारंभिक निवेश की आवश्यकता होती है और यह बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए गरीबी उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण गतिविधि हो सकती है।

बकरी मांस अचार

मांस अचार स्व-स्थिर रेडी-टू -ईट उत्पाद हैं।  बकरी मांस का अचार में प्रसंस्करण से एक ऐसा स्वादिष्ट, पौष्टिक और स्व-स्थाई उत्पाद तैयार होता है जिसकी अपेक्षाकृत अधिक भण्डारण आयु और अच्छी बाजार क्षमता होती है। पारंपरिक बकरी के मांस अचार में नमक की मात्रा अधिक होती है जोकि कई स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए उपयुक्त नहीं होता है। इस वजह से कम नमक वाले बकरी  मांस का अचार भी विकसित किया गया है जिसमें पारंपरिक अचार की तुलना में 50% कम सोडियम क्लोराइड होता है। बकरी मांस का अचार 60 दिनों तक कमरे के तापमान पर स्थिर रहता है।

बकरी मांस अचार, कटलेट, शामी कबाब और समोसा

स्नैक्स जैसे मांस उत्पाद

बकरी मांस निमकी

यह एक मूल्य संवर्धित उत्पाद है जिसमें अधिक पशु प्रोटीन होता है और यह स्नैक फूड की अवस्था को भी बनाए रखता है। मांस पाउडर, मैदा, नमक, तेल, बेकिंग पाउडर, पानी जैसी सामग्री का उपयोग करके आटा तैयार किया जाता है। अब आटे को बेल कर आयताकार आकार में काट लेते है और सुनहरा भूरा होने तक तल देते हैं। पका हुई निमकी को नाइट्रोजन सीलर का उपयोग करके पैक किया जाता है और कमरे के तापमान पर संग्रहीत किया जाता है।  इस उत्पाद की  कमरे के तापमान पर भण्डारण आयु 4 महीने तक होती है।

और देखें :  बकरी पालन की जानकारी

बकरी मांस मुरुकु

मुरुकु पर्याप्त पशु प्रोटीन के साथ एक मूल्य संवर्धित बकरी का मांस उत्पाद है और यह स्नैक फूड की अवस्था को भी बनाए रखता है। मांस पाउडर, मैदा, नमक, तेल, बेकिंग पाउडर और पानी जैसे सामग्री के  उपयोग से आटा तैयार किया जाता है। तैयार आटे को कास्ट के माध्यम से गोलाकार आकार में बाहर निकाला जाता है और सुनहरा भूरा होने तक  तला जाता है। पका हुआ उत्पाद नाइट्रोजन सीलर की मदद से पैक किया जाता है और कमरे के तापमान पर संग्रहीत किया जाता है। बकरी मांस मुरुकु की कमरे के तापमान पर भण्डारण आयु 4 महीने होती है।

बकरी मांस हर्बल बिस्कुट

यह एक स्व-स्थिर बकरी मांस आधारित स्नैक फूड उत्पाद है। यह उत्पाद पौष्टिक और खाद्य रेशे से भरपूर है, और इसमें 13-14 प्रतिशत तक पशु प्रोटीन पाया जाता है। इसमें एक प्रतिशत हर्बल सामग्री भी मिश्रित है।

बकरी मांस निमकी, मुरुकु और बकरी मांस आधारित हर्बल बिस्कुट

रिटोर्टेड मांस उत्पाद

इनके प्रसंस्करण के लिए पूर्व पके हुए बकरी मांस उत्पादों को बहु-स्तरीय लैमिनेट में पैक करके उन्हें रिटोर्ट में मानक तापमान, दबाव एवं अवधि पर प्रसंस्कृत करने के उपरांत 40 डिग्री सेंटीग्रेड पर ठंडा किया जाता है। रिटोर्टेड मांस उत्पादों की भण्डारण आयु सामान्य तापमान पर लगभग एक वर्ष से अधिक होती है।

रिटोर्टेड मांस उत्पाद

उपसंहार

हमारे देश के पशुधन सम्पदा में बकरी का विशिष्ट स्थान है। छोटे एवं सीमान्त कृषकों के लिए बकरी आजीविका, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि में प्रमुख स्थान रखती है। बकरी पालन से होने वाले आर्थिक लाभ में विशेष वृद्धि हेतु यह आवश्यक हो जाता है कि बकरी उत्पाद, जैसे मांस का, मूल्य संवर्धन किया जाये। वैश्विक स्तर पर एवं हमारे देश में भी अनेक प्रकार के मूल्य संवर्धित बकरी मांस उत्पाद विकसित किये गए हैं। इन उत्पादों की तकनीक को विभिन्न हितधारकों तक पहुंचाने के लिए इनका समुचित प्रचार-प्रसार अति आवश्यक है। बकरी उत्पादों की पोषक एवं स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण इनकी बढ़ती मांग के मद्देनजर विभिन्न हितधारक और उद्यमी आगे आते हुये इन तकनीकों को अपना कर बड़े स्तर पर बकरी मांस का मूल्य संवर्धन कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं एवं देश की आर्थिक उन्नति में अपना बहुमूल्य योगदान कर सकते हैं। ।

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