डेयरी प्रबंधन और दूध से मूल्यवर्धन पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

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बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान में डेयरी प्रबंधन और दूध से मूल्यवर्धन पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आत्मा, भागलपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता संस्था के अधिष्ठाता-सह-निदेशक आवासीय निर्देश प्रो. डॉ. वीर सिंह राठौर ने किया। संस्थान के गव्य प्रौद्योगिकी के विभागाध्ष्क्ष-सह-प्रशिक्षण संयोजक डॉ. संजीव कुमार ने प्रशिक्षण विषय “डेयरी प्रबंधन एवं दुग्ध से मूल्यवद्वित दुध उत्पाद” के बारे में जानकारी दी।

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इस अवसर पर कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने ग्रामीण विकास में डेयरी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादन के साथ दूध का मूल्यवर्धन कर ग्रामीण अधिक मुनाफा कमा सकते है। उन्होंने देश में कुछ सफल दुध उत्पाद से संबंधित स्वयं सहायता समूह के बारे में बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. वीर सिंह राठौर ने बताया कि अंतराष्ट्रीय बाजार में भारत दुध से बने उत्पादों में दूसरा सबसे बड़ा देश है एवं देश में लगातार वृृहत एवं घरेलू स्तर पर डेयरी के विभिन्न उत्पादन बनाये जा रहे है।

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कार्यक्रम में उपस्थित निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. ए. के. ठाकुर ने इस तरह के प्रशिक्षण का अधिक से अधिक आयोजन करने पर बल दिया। इस कार्यक्रम में भागलपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों से लगभग 40 दुग्ध उत्पादक एवं उद्यमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के गव्य व्यवसाय प्रबंधन के विभागाध्यक्ष डॉ. ए. के. झा ने किया । इस कार्यक्रम का संयोजन डॉ. सूर्यमणि कुमार एवं डॉ. सोनिया कुमारी, सहायक प्राध्यापकों के द्वारा किया गया। उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. राकेश कुमार, विभागाध्यक्ष, गव्य सूक्ष्म विज्ञान विभाग एवं डॉ. जहांगीर बादशाह, विभागाध्यक्ष, गव्य अभियंत्रण विभाग, डॉ. बिनीता रानी, डॉ. बिनोद कुमार भारती डॉ. बिपीन कुमार सिंह इत्यादि लोगों ने इस कार्यक्रम में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया।

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प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्था के प्राध्यापकों के अतिरिक्त बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना के प्राध्यापकों ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से अपना अनुभव एवं ज्ञान साझा किया। चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत किसानों को पटना डेयरी प्रोजेक्ट एवं विश्वविद्यालय के पशुधन प्रक्षेत्र परिसर का भी भ्रमण कराया जाएगा।

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