किसान और पशुपालकों के समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से सी-डैक नोएडा और कोलकाता, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची ने संयुक्त तत्वावधान में एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया है जिसे मार्च के अंत में देश को समर्पित कर दिया जायेगा। यह मोबाइल एप्लीकेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है जिससे किसान और पशुपालन अपने सवालों को बोलकर जवाब सुन सकते है।
कृषि और पशुपालन प्रधान क्षेत्रों में इस एप्लीकेशन के द्वारा प्रश्न उत्तर प्रणाली और संवाद प्रबंधन प्रणाली विकसित करना इसका मुख्य उद्देश्य है जिसके लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लक्षित क्षेत्रों में बोली जाने वाली हिंदी और बंगाली के लिए स्वचालित वाक् पहचान और टेक्स्ट टू स्पीच संश्लेषण प्रणाली को डाटा बेस में फीड किया गया है। इस एप्लीकेशन को बनाने के लिए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में बोले जाने वाली भाषाओं के कुल 7534 सैंपल, 1342 आवाज़ों की डाटा रिकॉर्डिंग, 5067 टेस्टिंग और पशुपालन, मुर्गीपालन, मत्स्यपालन पर आधारित 24031 सवालों और जवाबों को फीड किया है। इस एप्लीकेशन को डेवेलोप करने में पशुपालन, मत्स्य और मुर्गीपालन से जुड़े डाटा को फीड करने में विश्वविद्यालय ने अपना योगदान किया है वहीं कृषि के लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची ने डाटा उपलब्ध कराये हैं।
विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में पटना और अन्य जिलों के करीब पचास किसान व पशुपालकों ने भाग लिया है जो ऐप्प की टेस्टिंग में सहयोग करेंगे साथ ही समस्याओं को ऐप्प में बोलकर डेमो करेंगे और उनके फीडबैक के आधार पर ऐप्प में जरूरी बदलाव किये जायेंगे। इस ऐप्प में न सिर्फ बीमारियों का समाधान बताया जाएगा बल्कि जटिल बीमारियों में पशुपालकों को चिकित्सीय समाधान हेतु डॉक्टर और अस्पताल की भी जानकारी दी जाएगी।
इस अवसर पर सी-डैक नोएडा के वरिष्ठ निदेशक डॉ. करुणेश अरोड़ा ने कहा की ये एप्लीकेशन किसानों और पशुपालकों के लिए बहुउपयोगी साबित होगी, साथ ही उनके अपने भाषा और शैली में सवालों का जवाब दिया जायेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने कहा की तकनीकीकरण से खुद को जिसने भी जोड़े रखा है वो आगे बढ़ा है और अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट किया है, जिस प्रकार से मशीनीकरण और तकनीक के मदद से हरित क्रांति के सपने को साकार किया गया वैसे ही सूचना क्रांति से हमारा देश-प्रदेश आगे बढ़ेगा।
एप्लीकेशन को डेवेलोप करने में विश्वविद्यालय की ओर से प्रसार शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सरोज रजक और डॉ. पुष्पेंद्र ने अहम् भूमिका निभाई है। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. ए.के.ठाकुर, निदेशक आवासीय निर्देश-सह-अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा प्रो.डॉ. वीर सिंह राठौड़, निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमन कुमार त्रिवेदी, जनसंपर्क पदाधिकारी सत्य कुमार, सहित पटना और आस-पास के जिलों के किसान और पशुपालन मौजूद थे।
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