बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान में विश्व बैंक पोषित डेयरी प्रबंधन और दूध से मूल्यवर्धन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार कोशी बेसिन विकास परियोजना और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के डीन डॉ. वीर सिंह राठौर,निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. ए.के. ठाकुर, निदेशक गव्य श्री संजय कुमार, पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक एस.एन ठाकुर, डी.डी.ओ. डेयरी, पूर्णिया प्रमोद कुमार, श्री पाण्डेय ने किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता संस्था के अधिष्ठाता-सह-निदेशक आवासीय निर्देश प्रो. डॉ. वीर सिंह राठौर ने किया। संस्थान के गव्य प्रौद्योगिकी के विभागाध्यक्ष-सह-प्रशिक्षण संयोजक डा॰ संजीव कुमार ने प्रशिक्षण विषय “डेयरी प्रबंधन एवं दुग्ध से मूल्यवद्वित दुध उत्पाद” के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर निदेशक गव्य श्री संजय कुमार ने ग्रामीण विकास में डेयरी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादन के साथ दूध का मूल्यवर्धन कर ग्रामीण अधिक मुनाफा कमा सकते है। उन्होंने कहा की बिहार में योजनाओं की कमी नहीं है, लोगों में जागरूकता की कमी है, लोग जागरूक बने और योजनाओं के बारे में जानकारी हांसिल करने में उत्सुकता दिखाए तो फायदा होगा, यहाँ तक की शत-प्रतिशत अनुदान जैसी भी योजनायें है। उन्होंने आगे बताया की इस प्रशिक्षण से पशु का प्रबंधन, रख-रखाव, पशु पोषण जैसे सभी विषयों पर किसान और पशुपालक प्रशिक्षित होंगे। उन्होंने संस्थान को निर्देश दिया की लैब-टू-लैंड डेमो की व्यवस्था किया जाये ताकि किसान को फायदा हो।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. वीर सिंह राठौर ने बताया कि अंतराष्ट्रीय बाजार में भारत दुध से बने उत्पादों में दूसरा सबसे बड़ा देश है एवं देश में लगातार वृृहत एवं घरेलू स्तर पर डेयरी के विभिन्न उत्पादन बनाये जा रहे है। कार्यक्रम में उपस्थित निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. ए. के. ठाकुर ने इस तरह के प्रशिक्षण का अधिक से अधिक आयोजन करने पर बल दिया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के गव्य व्यवसाय प्रबंधन के विभागाध्यक्ष डॉ. ए. के. झा ने किया।
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