संजय गाँधी गव्य प्रौधोगिकी संस्थान, पटना के सभागार में विश्व बैंक पोषित, बिहार कोसी बेसिन विकास परियोजना और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा प्रायोजित पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम श्रृंखला का सातवां प्रशिक्षण “ डेयरी प्रबंधन और दूध उत्पादों के मूल्यवद्धन ” विषय पर आयोजित किया गया।
पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डा.ए. के. ठाकुर ने मधेपुरा जिला के 40 प्रशिक्षुओं से विभिन्न पहलुओं पर बारिकी से परिचर्चा की। डॉ. ए.के. ठाकुर ने इस तरह के प्रशिक्षण का अधिक से अधिक आयोजन करने पर बल दिया। तथा अपनेे अभिभाषण में बताया कि डेयरी व्यवसाय ना केवल जीविकोपार्जन मे बड़ी भूमिका निभाता है, अपितु दुग्ध उत्पादन के बाद दुध से मूल्यवद्वित उत्पाद बनाकर किसान भाई अधिक मुनाफा कमा सकते है तथा गाँव में भी डेयरी व्यवसाय कर सकते है।
कार्यक्रम में 40 दुग्ध उद्यमीयों ने भाग लिया जिसमें कि 09 महिला प्रक्षिशु भी शामिल हैं। कार्यक्रम के आयोजक एवं समन्वयक डॉ संजीव कुमार ने कोसी क्षेत्र में किसान हेतू डेयरी के व्यवसाय को उपयुक्त बताया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के गव्य व्यवसाय प्रबंधन के विभागाध्यक्ष डा. ए.के. झा ने किया।
किसानों को पटना डेयरी प्रोजेक्ट, पटना एवं सफल उद्द्यमी के डेयरी इकाई, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना का भी भ्रमण कराया जाएगा।
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