Red Sindhi Breed of Cattle (लाल सिन्धी नस्ल)

5
(192)

लाल सिन्धी गाय पाकिस्तान के सिंध प्रांत में उत्पन्न नस्ल मानी जाती है। गर्मी की शहनशीलता रोगप्रतिरोधक क्षमता, उच्‍च तापमान पर प्रजनन व उच्‍च दुग्‍ध क्षमता के कारण 20 से भी अधिक देशो ने क्रॉस ब्रीडिंग हेतु इस नस्ल को अपने देशो में आयात किया। लाल सिन्धी को कई देशो में जेर्सी नस्ल के साथ क्रॉस किया गया जिसमे मुख्यतः भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका बांग्लादेश आदि हैं। भारत पाकिस्‍तान के अलावा बांग्‍लादेश, श्रीलंका, आस्‍ट्रेलिया सहित 20 से भी अधिक देशों में नस्‍ल का विकास हुआ। यूरोपीय देशों में क्रास ब्रीडिंग करके इनसे अधिकतम दुग्‍ध उत्‍पादन लिया जा रहा है। भारत में यह उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल व उडीसा में पायी जाती हैं। लाल सिन्धी गाय आकार में साहीवाल गाय की तरह मध्यम आकार की होती है।

लाल सिन्धी

लाल सिन्धी गाय हलके और गहरे लाल रंग में पायी जाती है । इसका माथा बड़ा होता है तथा उस पर उभार होता है, खाल ढीली होती हैं। कान सुन्दर और छोटे होते हैं। लाल सिंधी  के सींग बेस में मोटे तथा उपर की और घुमावदार होते हैं।

लाल सिन्धी गाय का औसत दुग्ध उत्पादन लगभग 1800 लीटर  होता है जो कि 300 दिनों तक दूध देती है। दुग्ध उत्पादन 1100 लीटर से लेकर 3000 लीटर तक होता है। ड्राई पीरियड औसतन 180 दिन का होता है तथा बच्चे देने का अंतराल लगभग 380 दिन का होता है।

और देखें :  गाय और भैंस को कैसे गाभिन रखे?

इस नस्ल को विकसित करने तथा विलुप्त होने से बचाने के लिए लाल सिन्धी नस्ल के संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। इस नस्‍ल के संवर्धन तथा विकास का काम उत्तराखण्ड, देहरादून के कालसी और झारखण्ड के हजारी बाग के गौरी कर्मा सरकारी फार्मों पर हो रहा है।

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (192 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

और देखें :  पशुओं में गर्भाशय की जड़ता: कारण एवं निवारण

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

1 Trackback / Pingback

  1. Sahiwal Breed of Cattle (साहिवाल नस्ल)

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*