उत्तराखण्ड राज्य में आज से शुरू हुई 20वी पंचवर्षीय पशुगणना

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भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार उत्तराखण्ड राज्य मे 20वी पंचवर्षीय पशुधन संगणना का कार्य 25 नवम्बर, 2018 से प्रारम्भ किया जा रहा है। पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड की ओर से पशु गणना की ट्रेनिंग देकर सभी पशु चिकित्सा अधिकारीयों,  फार्मासिस्टों, पशुधन प्रसार अधिकारियों और पशुधन गणना में कार्यरत अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी को फाइनल रूप दे दिया गया। 20वी पंचवर्षीय पशुधन संगणना में समस्त ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के अन्तर्गत आने वाले समस्त परिवारों/पारिवारिक उद्यमों/ गैर पारिवारिक उद्यमों में पाले जा रहे जानवरों की विभिन्न प्रजातियां (मवेशी, बफेलो, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़ा, टट्टू, खंभे, गधे ऊंट, कुत्ते, खरगोश और हाथी) / कुक्कुट पक्षियों (पक्षी, बतख, इमू, टर्की, बटेर और अन्य कुक्कुट पक्षियों) परिवारों के पास है, घरेलू उद्यम/ गैर-घरेलू उद्यमों और संस्थानों के साथ-साथ पशुपालन व मत्स्य पालन के क्षेत्र में उपयोग में लाये जाने वाले यंत्रीकृत उपकरणों की गणना की जाएगी।

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उत्तराखण्ड राज्य में आज से शुरू हुई 20वी पंचवर्षीय पशुगणना

एकत्रित किये गये आंकड़ों के आधार पर भविष्य में पशुपालन के क्षेत्र में कल्याणकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने हेतु योजनायें तैयार करने में सहायता मिलेगी। प्रथम बार पशुधन संगणना का कार्य पशुपालन विभाग द्वारा डिजीटल मोड में टैबलेट कम्प्यूटर के माध्यम से संपादित किया जाना है। पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड ने राज्य की समस्त जनता से निवेदन किया है कि राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य में लगाये गये प्रगणकों को वांछित सूचना उपलब्ध कराने में आवश्यक सहयोग प्रदान करें।

सन 1919-20 के बाद से अभी तक कुल 19 बार पशुधन संगणना समय-समय पर पूरे देश में आयोजित की गई है, जिसमें राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश ने प्रतिभाग किया है। पशुधन संगणना प्रत्येक पांच वर्ष में की जाती है, जिसके अंतर्गत एक निर्धारित समय के अंतर्गत पूरे देश में समस्त पशुधन की गणना की जाती है। इसी क्रम में वर्तमान में 20वीं पशुधन संगणना भारतीय संघ के सभी जिलों में आयोजित की जा रही है, जिसमें देश के समस्त राज्य और केंद्रशासित प्रदेश भागीदारी कर रहे हैं।  डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत पहली बार पशुधन संगणना का कार्य डिजिटल मोड पर टैबलेट कम्प्यूटर के माध्यम से किया जायेगा। पशुधन संगणना हेतु राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा ऑनलाइन डेटा स्थानांतरित करने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।

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