सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है-राधा मोहन सिंह

5
(50)

23 दिसंबर 2018: बिहार के किसानों हेतु महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान, पिपराकोठी, मोतिहारी द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र परिसर, पिपराकोठी में एक तीन दिवसीय पशु आरोग्य मेला-सह-वैज्ञानिक वार्ता का आयोजन दिनांक 23-25 दिसंबर, 2018 के दौरान किया जा रहा है जिसका उद्घाटन आज माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार श्री राधा मोहन सिंह जी ने मुख्य अतिथि के रूप में किया।

श्री राधा मोहन सिंह ने अपने संबोधन में नई तकनीकों को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि भारत सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी संबंधित सरकारी योजनाओं जैसे ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन, ई-पशुहाट, पशु धन बीमा योजना एवं डेयरी प्रसंस्करण से संबंधित योजनाओं की चर्चा करते हुए उपस्थित किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।

उद्घाटन कार्यक्रम की शुरूआत में डा. बी. पी. भट्ट, निदेशक, भाकृअनुप (ICAR) का पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना एवं विशेष कार्य पदाधिकारी, महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान पिपराकोठी ने मुख्य अतिथि एवं सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया एवं इस मेले में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में पूर्वी चंपारण में पशु स्वास्थ्य से संबंधित यह चौथा आयोजन है।

और देखें :  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों ने खाद्यान्‍न, बागवानी फसलों, दूध, मछली और अंडे का उत्‍पादन बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण योगदान किया है

विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री प्रमोद कुमार, पर्यटन मंत्री, बिहार सरकार, क्षेत्र के सभी विधायक गण, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शासी निकाय के सदस्य श्री अखिलेश सिंह, डा. आर. आर. बी. सिंह, निदेशक, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान तथा डा. एम. एस. लडानिया, निदेशक, केंद्रीय नींबूवर्गीय फल अनुसंधान संस्थान, नागपुर उपस्थित थे। बिहार के पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार ने इस अवसर पर किसानों को संबोधित किया एवं कृषि क्षेत्र में पशुपालन की विशिष्ट भूमिका की चर्चा की।

इस मेले का मुख्य आकर्षण मुर्रा भैंसा युवराज‘, जिसकी कीमत लगभग 9 करोड़ रुपये है, का भी प्रदर्शन किया गया। यह भैंसा उच्च गुणवत्ता वाले सिमेन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इससे प्राप्त भैंस के दूध देने की क्षमता 35 लीटर प्रतिदिन है।

इस अवसर पर हजारों किसानों ने पशु आरोग्य मेला सह वैज्ञानिक वार्ता में भाग लिया एवं नई-नई जानकारियां हासिल की। मेले में किसानों के लाभ हेतु पशु स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर एवं निशुल्क पशु टीकाकरण की व्यवस्था भी की गई है। कृषक-सह-वैज्ञानिक वार्ता के माध्यम से आंगतुक किसानों ने पशु स्वास्थ्य, उन्नत ब्रीड, बिमारियों की रोकथाम, मधुमक्खी पालन इत्यादि विषयों पर भाकृअनुप के विभिन्न संस्थान, डा. राजेन्द्र प्रसार केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के पशु विज्ञान विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। मेले में विभिन्न कृषि एवं पशुपालन से संबंधित देश के प्रतिष्ठित संस्थान जैसे भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय चारा अनुसंधान संस्थान, चैधरी चरण सिंह राष्ट्रीय पशु चिकित्सा संस्थान, डा. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, कॉम्फेड, सहित लगभग 40 विभिन्न सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गयी जिससे हजारों किसान लाभान्वित हुए।
(स्रोत: महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान, पिपराकोठी, मोतिहारी)

और देखें :  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की गणतंत्र दिवस झांकी ‘किसान गांधी’ ने पहला पुरस्कार जीता

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (50 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

और देखें :  बिहार में पशु भ्रूण स्थानांतरण योजना की शुरूआत

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*