भारतीय नस्लों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हेतु ब्राज़ील से लिया जा रहा है तकनीकी सहयोग

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08 जनवरी 2019: ब्राजील से डॉ. जोस रिबाम्‍बर फिलिप मार्केस, निदेशक, बफैलो रिसर्च एंड डेवलेपमेंट, ब्राजील की अगुवाई में आये पांच सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन, नई दिल्ली में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह से भेंट की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य देशी नस्लों के उत्पादन और उत्पादकता में तेजी से वृद्धि करने के लिए भारत एवं ब्राजील के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने बताया कि देश में Embryo Transfer Technology (ETT), In-Vitro Fertilization (IVF) के प्रसार, भारतीय देशी नस्लों के लिंग चयनित वीर्य उत्पादन और प्रोफेशनलों के प्रशिक्षण में ब्राजील का सहयोग लिया जायेगा, ताकि देश में देशी नस्लों के उत्पादन और उत्पादकता में तेजी से वृद्धि की जा सके।

उन्होंने बताया कि आधुनिक प्रजनन तकनीकों को अपनाने और वैज्ञानिक प्रजनन कार्यक्रमों को लागू करने से ब्राजील ने भारत की देशी नस्लों की उत्पादकता में वृद्धि हासिल की है। ऐसे में ब्राजील द्वारा विकसित जीनोमिक चिप्स हमारी स्वदेशी नस्लों के लिए जीनोमिक चयन को लागू करने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती हैं।

श्री सिंह ने बताया कि प्रजनन तकनीकों के नवीनतम विकास में ETT, IVF, लिंग चयनित वीर्य, जीनोमिक्स और कुशल श्रमबल को पुन: प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 4 पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र (COE) स्थापित किये जा रहे हैं। ये केंद्र न केवल प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेंगे, बल्कि अनुसंधान और विकास केंद्र के रूप में भी कार्य करेंगें। इन केंद्रों पर उत्पादित जर्मप्लाज्म सभी राज्यों को उपलब्ध कराया जायेगा। दो उत्कृष्टता केंद्र कालसी, देहरादून, उत्तराखण्ड एवं केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) मोतिहारी में ब्राजील के सहयोग से स्थापित किये जा रहे हैं।

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गौरतलब है कि भारत सरकार और एमब्रापा, ब्राजील के बीच एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर अक्टूबर 2016 में हस्ताक्षर किये गए जिसका मुख्य लक्ष्य असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग करना, IVF के क्षेत्र में प्रशिक्षण देना, मवेशियों और भैंसों की उत्पादकता में सुधार के क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से जीनोमिक्स और असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग विकसित करना और जीनोमिक एवं असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी में क्षमता निर्माण करना है।

Union Minister of Agriculture and Farmers’ Welfare Shri Radha Mohan Singh met a 5-member delegation from Brazil led by Dr. Jose Ribamar Felipe Marques, Director, Buffalo Research and Development, Brazil, today. The main objective of this meeting was to promote technical cooperation between India and Brazil for the rapid growth of the production and productivity of indigenous breeds.

On this occasion, the Minister said that the help of Brazil will be sought in Embryo transfer technology (ETT) , promotion of In Vitro Fertilization (IVF), sex-sorted semen production

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Of Indian indigenous breeds, and training of professionals in the country so that the production and productivity of indigenous breeds can be increased rapidly. He explained that by adopting modern breeding technologies and implementing scientific breeding programs, Brazil has achieved an increase in the productivity of indigenous breeds of India. In this way, genomic chips developed by Brazil can be very useful for implementing genomic selection for our indigenous breeds.

Shri Singh informed that in the latest development in breeding techniques, four animal breeding Centers of Excellence (COE) are being set up for ETT, IVF, sex-sorted semen, genomics and training of skilled manpower. These centers will not only serve as training centers but also work as centers of research and development. Germplasm produced at these centers will be made available to all the states. Two Excellence Centers in Kalsi Uttarakhand and Central Agricultural University, Krishi Vigyan Kendra (KVK) Motihari are being established with the help of Brazil.

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