देशी नस्लों के संरक्षण और उपलब्धता में वृद्धि के लिए सरकार की योजनाये

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26 जुलाई 2019: स्वदेशी नस्लों की उपलब्धता बढ़ाने तथा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा स्वदेशी नस्लों के विकास एवं संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों को पूरा करने के उदेश्य से सरकार राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी योजना- I तथा नस्ल सुधार संस्थानों की स्थापना जैसी योजनाओं को लागू कर रही है।

सरकार सितंबर 2010 से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS) इस उद्देश्य से लागू कर रही है ताकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वदेशी नस्लों सहित समस्त डेयरी पशुओं के पालन को प्रोत्साहित किया जा सके। इस योजना में योजना के मानदंडों के अधीन पात्र वित्तीय संस्थानों के माध्यम से सामान्य श्रेणी के लिए कुल स्वीकृत परियोजना लागत का 25% और अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति लाभार्थियों के लिए 33.33% की सब्सिडी प्रदान की जाती है।

नस्ल सुधार संस्थानों में सात केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म, चार केंद्रीय पंजीकरण इकाइयां और केंद्रीय अतिहिमिकृत वीर्य उत्पादन केंद्र और प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं। अनुत्पादक जानवरों को एम्ब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी (ETT) और IVF के तहत प्राप्तकर्ता (सरोगेट मदर) के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में IVF सुविधा वाले दो ETT प्रयोगशालाओं की स्थापना को मंजूरी दी गई है।

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इसके अलावा, भारत सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) सुविधा का विस्तार किया है। KCC का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर ऋण सहायता प्रदान करना है, जिसमें अपनी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए पशुपालन और मत्स्य पालन करने वाले किसानों को ऋण प्रक्रिया प्रदान किया जाता है। योजना के तहत कवर की गई पशुपालन गतिविधियों में मिल्क एनिमल रीयरिंग, पोल्ट्री लेयर फार्मिंग, पोल्ट्री ब्रॉयलर फार्मिंग, भेड़ पालन, बकरी पालन, सुअर पालन, ऊन हेतु खरगोश पालन आदि शामिल हैं।

ग्राम स्तर के निर्माता, दुग्ध प्रसंस्करण और दुग्ध विपणन से दूध का संग्रह बढ़ाने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किए गए प्रयासों को पूरा करने के लिए तथा देश में डेयरी सहकारी समितियों की सहायता के लिए भारत सरकार राष्ट्रीय डेयरी योजना – I (NDP-I), डेयरी प्रसंस्करण अवसंरचना विकास निधि (DIDF), डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम तथा डेयरी उद्यमिता विकास योजनाओं को लागू कर रही है। मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, संजीव बाल्यान ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

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