23 जुलाई 2019: पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि पशुपालकों को पशु क्रय करने के लिए भारत सरकार द्वारा नाबार्ड के माध्यम से ऋण की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा नाबार्ड को सीधे ही अनुदान दिया जाता है। योजना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पशुपालकों को 33.33 प्रतिशत एवं अन्य जाति के पशुपालकों को 25 प्रतिशत का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।
श्री कटारिया मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि गत 5 वर्ष में करौली में किसी भी पशुपालक को इस योजना में नाबार्ड बैंक से ऋण उपलब्ध नहीं हुआ है। इससे पहले विधायक श्री लाखन सिंह के मूल प्रश्न के जवाब में पशुपालन मंत्री ने प्रदेश में सरकार द्वारा पशु जीवन उत्थान के लिए संचालित योजनाओं का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्हाेंने बताया कि पशुपालन व्यवसाय से रोजगार सृजन एवं पशुपालन को ओर अधिक लाभप्रद बनाने के लिए पशुपालकों को भारत सरकार द्वारा नाबार्ड के माध्यम से डेयरी उद्यमिता विकास योजना एवं उद्यमिता विकास एवं रोजगार सृजन योजनाओं के तहत पशु क्रय पर ऋण की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग में विधानसभा क्षेत्र अनुसार पृथक से बजट आवंटित नहीं किया जाता है। श्री कटारिया ने गोपालन विभाग की ओर से विधानसभा क्षेत्र करौली में अवस्थित श्री यादव वाटी गौशाला को योजनावार गत 5 वर्ष में उपलब्ध करवाई गई राशि का विवरण सदन के पटल पर रखा।
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