दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा है झारखंड

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30 जुलाई 2019: जब किसानों के घरों में समृद्धि आएगी. तब झारखंड खुशहाल बनेगा. किसानों को सशक्त बनाना मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास की प्राथमिकता है. किसानों के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरु की जा रही है. आगामी 10 अगस्त को राज्य सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना के शुभारंभ पर राज्य के 35 लाख किसानों में से करीब 15 लाख किसानों को प्रथम चरण में योजना की प्रथम किस्त की राशि प्रदान की जाएगी. यह योजना किसानों और राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. कृषि मंत्री श्री रणधीर कुमार सिंह ने आज सूचना भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कही. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत राज्य के लगभग 8 लाख किसानों को पहले किस्त के तौर पर 6-6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है.

खेती की आधुनिक तकनीक की जानकारी लेने हेतु किसानों को भेजा गया इजरायल
श्री सिंह ने बताय़ा कि खेती की आधुनिक तकनीक विशेषकर कम पानी में फसल की ज्यादा से ज्यादा पैदावार कैसे की जा सकती है कि जानकारी लेने के लिए 71 किसानों को इजरायल भेजा गया. वहां से आने के बाद ये किसान अपने-अपने जिलों में बतौर मास्टर ट्रेनर अन्य किसानों को बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति से कृषि कार्य हेतु प्रशिक्षित कर रहे हैं.

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किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड और मोबाइल फोन का वितरण
श्री सिंह ने बताया कि कृषि विभाग की ओऱ से 17 लाख किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया है और मृदा नमूंना की जांच को त्वरित गति देने के लिए सभी पंचायतों में 3164 मिनी स्वॉयल लैब स्थापित किए गए हैं. इसके साथ सभी किसानों को मोबाइल फोन देने हेतु दो हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है. पूरे राज्य में 260 कृषि सिंगल विंडो सेंटर स्थापित किए गए हैं.

किसानों के बीच 284 करोड़ रुपये वितरित
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल बीमा योजना के अंतर्गत 38.59 लाख किसानों के लगभग 16 लाख हेक्टेयर फसलों का बीमा किया गया और 5.24 लाख किसानों के बीच लगभग 284 करोड़ रुपये की राशि क्षतिपूर्ति के रुप में वितरित की गई. उन्होंने बताया कि किसानों के द्वारा भुगतेय प्रीमियम का राज्य सरकार के द्वारा भुगतान किया गया.

जैविक कृषि को बढ़ावा दे रही है राज्य सरकार
कृषि मंत्री ने बताया  कि 13 जनजातीय बहुल जिलों में जैविक कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस योजना के तहत एक एकड़ पर एक किसान को हरी खार उत्पादन, मिश्रित खेती, वर्मीकंपोस्ट, जैविक कीटनाशक आदि के लिए 9800 रुपये प्रति वर्ष दिए जाते हैं.

दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा है झारखंड
कृषि मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 59.50 लाख लीटर प्रतिदिन दुध का उत्पादन हुआ है. उन्होंने बताया कि दुधारु गाय योजना के अंतर्गत 50 हजार ग्रामीण बीपीएल परिवार की महिला लाभुकों को अनुदान पर दुधारु गाय उपलब्ध कराया गया है. एक लाख लीटर क्षमता का अति आधुनिक डेयरी प्लांट, एक मिनरल मिक्स्चर प्लांट और बाय-पास प्रोटीन प्लांट की स्थापना की गई है. वहीं पलामू, देवघर के सारठ औऱ साहेबगंज में 50 हजार लीटर क्षमता का डेयरी प्लांट खोला गया है.

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मत्स्य उत्पादन में भी आगे बढ़ रहा राज्य, मछली पालन को कृषि का दर्जा
श्री सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में सभी श्रोतों से लगभग 2.08 लाख मैट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ है. झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां केज कल्चर को अपनाया गया. इसके तहत विभिन्न जलाशयों में 4527 केजों में मछली पालन से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. मछली पालन को राज्य में कृषि का दर्जा दिया गया है.

 जिलों में कोल्ड स्टोरेज और प्रखंडों में कोल्ड रुम का निर्माण
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि उत्पादनों के बेहतर विपणन के लिए सभी जिलों में 5 हजार मीट्रिक क्षमता का एक-एक कोल्ड स्टोरेज बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ सभी प्रखंडों में कोल्ड रुम बनाए जा रहे हैं. इसके साथ राज्य में कार्यरत सभी लैंम्पस और पैक्स में चरणबद्ध तरीके से गोदाम का निर्माण कराया जा रहा है.

इस अवसर पर सचिव कृषि विभाग श्रीमती पूजा सिंघल, कृषि निदेशक श्री छवि रंजन, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक श्री रामलखन प्रसाद गुप्ता समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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