आत्मा परियोजना ने मध्य प्रदेश के सागर जिले में राहतगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बटयावदा निवासी युवा बेरोजगार अरविंद कुर्मी को क्षेत्र की लोकप्रिय दूध डेयरी का मालिक बना दिया है। अरविंद के परिवार में मात्र 1.4 हेक्टेयर कृषि भूमि और परम्परागत खेती की सोच के कारण हमेशा आर्थिक तंगी का माहौल बना रहता था। कृषि विज्ञान केन्द्र, सागर के पशुपालन वैज्ञानिकों ने अरविंद को दूध डेयरी शुरू करने का आइडिया दिया, प्रशिक्षण दिलवाया और गाय-भैंस खरीदने में आत्मा परियोजना में भरपूर मदद भी की।
ग्रामीण युवा अरविंद कुर्मी अब बेरोजगार नहीं है। वह पास के ग्राम रमपुरा में दुग्ध उत्पादक समिति का सदस्य बन गया है। समिति के माध्यम से उसकी डेयरी का दूध बाजार में आसानी से बिकता है। प्रतिदिन 1000 से 1200 रुपये आमदनी अरविंद के लिये आम बात है।
अरविंद की डेयरी में मुर्रा और देशी नस्ल की 6 भैंस तथा जर्सी एवं देशी नस्ल की 6 गाय हैं। साथ ही, 3 नवजात पशु भी हैं। इन सभी पशुओं को अरविंद रोज हरा सूखा चारा, पशु आहार और मिनरल मिक्सचर खिलाता है। इसकी दूध डेयरी में रोजाना 70 से 74 लीटर तक दूध उत्पादन होता है। पशुओं के गोबर से खेत के लिये जैविक खाद मिलती है। अब अरविंद अपने क्षेत्र में सफल पशुपालक के रूप में जाना जाता है।
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