6 अगस्त 2019: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना “रफ्तार“ के अन्तर्गत वेटरनरी विश्वविद्यालय को वर्ष 2019-20 के लिए 11 करोड़ 95 लाख रूपये अनुदान की स्वीकृति प्रदान की है। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने बताया कि इससे विश्वविद्यालय में 8 नई परियोजनाएं प्रारंभ की जाएगी जिस पर 9.60 करोड़ रूपये राशि व्यय होगी। पूर्व में संचालित की जा रही 4 परियोजनाओं के लिए भी 2 करोड़ 35 लाख रू. की राशि की भी मंजूरी प्रदान की गई है। नई परियोजनाओं के तहत दक्षिणी राजस्थान में गाय-भैंसों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए राजकीय पैरावेट को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राजस्थान कोआपरेटिव डेयरी फैडरेशन की दुग्ध समितियों के सचिवों और प्रयोगशाला कार्मिकों को स्वच्छ और गुणवत्ता वाले दुग्ध उत्पादन के लिए दक्षता कार्यक्रम भी चलाए जायेंगे। कुलपति प्रो. शर्मा ने बताया कि राज्य में देशी नस्ल की मुर्गियों के जर्मप्लाज्म को गुणित करने के लिए पोल्ट्री इकाई का गठन किया जाएगा। इस मद में 1 करोड़ 30 लाख रू. की राशि मंजूर की गई है। कुलपति प्रो. शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना “रफ्तार“ के तहत ही देशी गौवंश राठी के फार्म को जैविक डेयरी फार्म के रूप में विकसित करने के लिए 1 करोड़ 5 लाख रू. की राशि व्यय की जाएगी। विश्वविद्यालय के पशुधन अनुसंधान केन्द्रों पर पशु आहार प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की परियोजना को भी स्वीकृति मिली है। डेयरी व्यवसाय में जुटे ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए मूल्य संवर्द्धन उत्पादों के विकास की एक परियोजना को भी इस वर्ष लागू किया जायेगा। विश्वविध्यालय के पशुचिकित्सा उपचार एवं फार्म की बेहतरी सेवाओं के लिए जयपुर स्थित स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों के हेतु आवासीय सुविधाओं की स्वीकृति भी प्राप्त हुई है।
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